For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तीन ताज़ा कह-मुकरियां




बाघ सरीखा जब वह गरजे,
भीडू अक्खी मुम्बई लरजे
राजनीति की नई आवाज़
क्या सखि उद्धव ?
नहीं सखि राज  



जनता रोये वह मुस्काये
मंहगाई  की हँसी उड़ाये
ठोक रहा वह सबको छेणी
क्या सखि मन्नू ?
नहीं सखि वेणी



प्यासा प्यासा तरसा तरसा
सावन में भी तनिक न सरसा
ताक रहा है मेघ मुहूरत
क्या सखि साजन ?
नहिं सखि सूरत  

-अलबेला खत्री

Views: 695

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on August 24, 2012 at 11:37pm

सादर धन्यवाद  आपको रक्ताले  भाईजी..........
बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by Ashok Kumar Raktale on August 24, 2012 at 11:35pm

आदरणीय अलबेला जी

               सादर नमस्कार, बहुत सुन्दर कह मुकरियाँ और साथ में गुजरात के लिए आपके समर्पण को भी नमन.

              

रात रातभर जगता तपता,

दूर तलक है उसको तकता,

कैसे करे उससे गुजारिश,

क्या सखि नानी?

नहि सखि बारिश!

Comment by Albela Khatri on August 24, 2012 at 10:43am

नमस्कार प्रदीप जी......
आपका आना सुखद लगा
__आशा है स्वास्थ्य अच्छा होगा ........

सादर

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 24, 2012 at 10:13am

प्यासा प्यासा तरसा तरसा
सावन में भी तनिक न सरसा
ताक रहा है मेघ मुहूरत
क्या सखि साजन ?
नहिं सखि सूरत  

सब जगह गरज रहे

सब जगह बरस रहे

मेघ ममता की moorat  

aap  कोई करो उपाय

प्यासा न रहे सूरत.

बधाई.

 

Comment by Albela Khatri on August 23, 2012 at 6:37pm


शुक्रिया भाई जी,,,,,,,,,,,
आपका आभार नवल जी

Comment by Albela Khatri on August 23, 2012 at 6:36pm

धन्यवाद आदरणीया

Comment by Rekha Joshi on August 23, 2012 at 11:41am

..बधाई.

Comment by Naval Kishor Soni on August 23, 2012 at 11:06am

क्या बात है........बधाई.......

Comment by Albela Khatri on August 23, 2012 at 8:54am

नमस्कार अम्बरीश जी
बहुत बहुत धन्यवाद भाईजी........
आपकी प्रशंसा  सदैव प्रफुल्लित करती है

__सादर

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 8:51am

झांके सबके दिल के अंदर

कह मुकरी जिसकी सब सुन्दर

मस्त मीडिया प्रमुदित चेला  

क्या सखि छैला? नहिं अलबेला !

वाह आदरणीय अलबेला जी ! वाह ! क्या लज्जतदार कहमुकरियाँ कही हैं .......एक से बढ़कर एक ......सादर बधाई मित्रवर ....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service