For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

स्वार्थ रस्ता  रोके बैठे है.....!

कई दिनों से सोन चिरैया

गुमसुम  बैठी रहती  है

देख रही चहुँ ओर कुहासा

भूखी घर बैठी रहती है

चौराहे पर बंद  लगे हैं

स्वार्थ रस्ता  रोके बैठे हैं !

कितने बच्चे कितने बूढ़े

कितनों के रोज़गार छिने हैं

लोग मर गए  बिना दवा के

हार गए जीवन से हैं...

जंतर मंतर रोज  रचे हैं 

हँसते हँसते रो दे ते हैं  !

तोड़ रहे  कानून  देश  का 

राग  अलापें तोड़ फोड़ का 

बिना बात ये शोर मचाएं

सियासत सदा खेल  होड़ का

रंग  बिरंगी जुड़ बैठे  हैं 

जादूगर ये खुद गुर के हैं !

धुंध पड़ी  है बीच  रास्ते 

 सूरज का  रस्ता  हैं रोके 

इन्द्र धनुष चाहे है रोना

ओस बिक गयी अँधेरों सस्ते

कब तक भारत खेल  चलेगा

किसान तो चहुंओर डटे हैं....!

चौराहे पर बंद लगे हैं 

स्वारथ  रस्ता रोके  बैठे हैं  ! 

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 578

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Chetan Prakash on February 12, 2021 at 6:53am

नमन, आदरणीय, प्रधान सम्पादक महोदय, मेरी रचना गीत को ग्रुप में फीचर करने हेतु कोटिशः धन्यवाद स्वीकार करें। आशा है, आपकी कृपा सदैव बनी रहेगी ।

Comment by Chetan Prakash on February 12, 2021 at 6:37am

नमन, भाई लक्ष्मण सिंह धामी 'मुसाफिर', गीत आपकी प्रशंसा पा सका रचना-कर्म धन्य हुआ। अशेष आभार !

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 3, 2021 at 9:05pm

आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन । मनमोहक रचना हुई है हार्दिक बधाई ।

Comment by Chetan Prakash on February 2, 2021 at 6:42pm

आदाब,  आदरणीय समर कबीर  साहब,  आपकी  महती कृपा गीत  पर हुई  और  आपकी  सराहना  मुझे मिली , इसके लिए  हृदय -तल से  आपका  आभारी  हूँ, मोहर्रम । वन्दे !

Comment by Samar kabeer on February 2, 2021 at 5:42pm

जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
41 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
3 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service