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हमको हमीं से छुपाता कौन है -- डॉ o उषा चौधरी साहनी

सुनते आये हैं, सारी नज़ाकत 

कायनात को हम नारियों से मिली है ,
बीर बहूटी को मखमल ,
गुलाब को लाली, हमीं से मिली है ,
कायनात खुद कहीं-कहीं बेइंतहा सख्त है ,
चट्टान है, आंधी है , धूल है , तूफ़ान है,
फिर भी गुलाब हैं, तितलियाँ हैं, चाँद है,
चाँदनी है, ठंडी हवाएँ हैं , नदियों में चढ़ाव है.
ये कठोर कायनात की ही करामात है ,
हमारी मासूमियत पर रोज़ ये ग्रहण लगाता कौन है.
हमारी मासूमियत हमसे चुराता कौन है,
बचपन से हमको हरदम डराता कौन है,
ये चेहरे पे हमारे खौफ़ लाता कौन है.
बीर बहूटी को छुप जाने को डराता कौन है.
कलियाँ गुलाब की मसलता कौन है.
कायनात की नरमी, खूबसूरती , मासूमियत
पल भर को कहीं जाती नहीं ,
खुद को कभी किसी से छुपाती नहीं ,
नज़र उठा के देखिये , किधर भी,
कहीं भी , कहाँ-कहाँ नज़र आती नहीं ,
हमारी मासूमियत पर ये सैकड़ों परदे ,
ये सलाखें, ये ताले लगाता कौन है.
इस कायनात को चलाता कौन है.
हमारी जिंदगी को चलाने का दम भरता कौन है।
हमको हमीं से छुपाता कौन है।

// मौलिक एवं अप्रकाशित //

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Comment by Usha Choudhary Sawhney on February 26, 2015 at 7:50pm

आदरणीय परी एम श्लोक जी , आपको रचना पसंद आई , आपका हृदय से आभार सर। 

Comment by Pari M Shlok on February 25, 2015 at 2:48pm
आदरणीय उषा जी, इस गंभीर , सार गर्भित , दार्शनिक रचना के लिए बहुत बहुत बधाईयाँ , सादर ।

चाँदनी है, ठंडी हवाएँ हैं , नदियों में चढ़ाव है.
ये कठोर कायनात की ही करामात है , वाह जवाब नही
Comment by Usha Choudhary Sawhney on February 25, 2015 at 12:10pm

आदरणीय विजय शंकर जी , मेरे द्वारा व्यक्त किये भावो को उनके उन्हीं मायनो में  लेने के लिए आपका दिल से धन्यवाद , मेरा लेखन सफल हो गया , आपका बहुत बहुत आभार , सादर सर। 

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 25, 2015 at 12:08pm
आदरणीय उषा जी, इस गंभीर , सार गर्भित , दार्शनिक रचना के लिए बहुत बहुत बधाईयाँ , सादर ।
Comment by Usha Choudhary Sawhney on February 25, 2015 at 12:02pm

आदरणीय गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी , आपने ठीक ही कहा , यह प्रकृति ईश्वर का ही रूप है ,कुछ लोग तो प्रकृति को ही ईश्वर मानते हैं। मेरी साधारण सी पंक्तियों ने आपको इतने बड़े कवि की याद दिला दी , मेरा लेखन सफल हो गया , आपका बहुत बहुत आभार , सादर सर। 

Comment by Usha Choudhary Sawhney on February 25, 2015 at 11:55am

आदरणीय श्याम नारायण जी , बधाई के लिए सादर धन्यवाद। 

Comment by Usha Choudhary Sawhney on February 25, 2015 at 11:54am

आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी , बधाई के लिए सादर धन्यवाद। 

Comment by Usha Choudhary Sawhney on February 25, 2015 at 11:52am

आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी , बधाई के लिए सादर धन्यवाद। 

Comment by Usha Choudhary Sawhney on February 25, 2015 at 11:50am

आदरणीय खुर्शीद खैरादी जी , आपके प्रोत्साहन के लिए दिल से धन्यवाद।

Comment by Usha Choudhary Sawhney on February 25, 2015 at 11:47am

आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी , बहुत बहुत धन्यवाद।

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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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