For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चंद शेर - प्यार पर -- डॉo विजय शंकर

चलो ये अच्छा हुआ कि प्यार अंधा होता है
वर्ना किस किस से उसे दो चार होना पड़ता ||

पंखुड़ी गुलाब मासूमियत जिसके नाम है
झूठ फरेब धोखा सब उसे देखना पड़ता ||

जिसकी मरने जीने की लोग कसमें खाते हैं
उस प्यार को कभी खुद शहादत में आना पड़ता ||

प्यार जिसके फैसले पे लोग मर मिट जाते हैं
अदालती कटघरे में उसे खड़ा रहना पड़ता ||

दुनियाँ सब देख के अंधी बनी रहती है
प्यार को भी ऐसा ही गुनाह करना पड़ता ||

मौलिक एवं अप्रकाशित
डॉo विजय शंकर

Views: 458

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 14, 2015 at 9:06am
प्रिय मिथिलेश जी , अश'आर आपको अच्छे लगे , जान कर अच्छा लगा , आभार, आपको बहुत बहुत धन्यवाद, सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 14, 2015 at 7:29am
आदरणीय विजय शंकर सर बहुत खूब। अच्छे अशआर। शानदार। दाद ही दाद।
Comment by Dr. Vijai Shanker on April 13, 2015 at 6:12pm
आदरणीय राजकुमार आहूजा जी ,आपकी स्वीकृति के लिए आपका बहुत बहुत आभार , धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on April 13, 2015 at 6:09pm
आदरणीय समर कबीर साहब , सादर नमस्कार, स्वीकृति के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया , सादर।
Comment by rajkumarahuja on April 13, 2015 at 3:56pm

माननीय डा. विजय शंकर जी , बहुतखूब ...! जमाने से सुनते आये हैं  कि इश्क़ में सब ज़ायज़ है ! शायद यही वज़ह होगी कि,  दौरे-इश्क़ में आज  बस नाजायज़ ही नाजायज़ है !,,,,,,,,सादर 

Comment by Samar kabeer on April 13, 2015 at 10:58am
आली जनाब डा.विजय शंकर जी,आदाब,प्यार के जज़्बात से भरे अच्छे अशआर के लिये बधाई स्वीकार करें |
Comment by Dr. Vijai Shanker on April 13, 2015 at 5:22am
प्रिय जीतेन्द्र जी , आपको पसंद आया , आपका बहुत बहुत आभार एवं बधाई हेतु धन्यवाद, सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on April 13, 2015 at 5:21am
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , आपका आभार एवं धन्यवाद, सादर।
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 12, 2015 at 9:20pm

आपकी गजल में,  आपकी अतुकांत से निर्देश दिखाई पड़ते है ,सर. मतला बहुत सुंदर कहा आपने. तहे दिल से बधाई लीजिये आदरणीय डा.विजय जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 12, 2015 at 9:01pm

आदरणीय विजय भाई , सुनद भाव पूर्ण शे र हुये हैं , हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें ॥

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service