For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वक़्त मुसाफिरी का है ,गुजार ले-- डॉo विजय शंकर

ये तू , ये मैं ,
ये साथ , ये अकेलापन,
सब यहीं है ,
यहीं का है,
एक बार यहां से गए ,
तो तू कौन,
मैं कौन,
एक नाम ही है,
सब यहीं रह जाएगा ,
बहती हवा में बह जाएगा ,
द्रव्य, दृश्य,शब्द, स्मृतियाँ, सब,
कुछ मिटटी में , कुछ
वायु में विलीन हो जाएगा ,
नष्ट नहीं होगा ,
पर साथ नहीं जाएगा ,

ये तू, ये मैं , ये साथ ,
ये रिश्ते , ये बंधन ,
ये सब यहीं के हैं ,
यहीं तक हैं ,
यहीं रह जाएंगे ,
समय में खो जाएंगे ,
साथ नहीं जाएंगे।
ये वक़्त मुसाफिरी का है ,
खुश रह के गुजार ले ,
सफर का लुफ्त ले ,
जो जा रहा है उसे छोड़ दे ,
जो आ रहा है,
उसे स्वीकार ले ,
हँस के या रो के
ये सफर गुजार ले ,
भव है , स्वयं को
भव के पार उतार ले ।।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 569

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 15, 2015 at 8:23pm
आदरणीय सुश्री सविता मिश्रा जी, आभार एवं धन्यवाद, सादर।
Comment by savitamishra on May 14, 2015 at 10:38pm

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है। हार्दिक बधाई भैया | सादर नमस्ते

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 14, 2015 at 9:14pm
आदरणीय विजय निकोर जी, आपको रचना पसंद आई , आभार , आपकी बधाई हेतु धन्यवाद, सादर।
आज मैं भारत वापस जा रहा हूँ.
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 14, 2015 at 9:13pm
प्रिय कृष्ण मिश्रा जी, आपको रचना पसंद आई , आभार , आपकी बधाई हेतु धन्यवाद, सादर।
Comment by vijay nikore on May 14, 2015 at 4:37pm

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है। हार्दिक बधाई, आदरणीय विजय जी।

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 14, 2015 at 3:51pm

वाह ! दार्शनिक विचार लिए सार्थक रचना! आ० vijai shanker सर हार्दिक बधाई निवेदित है!

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 14, 2015 at 9:57am
आदरणीय श्री सुनील जी, आपको कविता पसंद आई, अच्छा लगा, आपका आभार , आपकी बधाई के लिए ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद, सादर.
Comment by shree suneel on May 14, 2015 at 9:25am
जीवन के सबसे बड़े सत्य के प्रति सावधान करती और एक संदेश देती कविता.
आदरणीय डॉ विजय शंकर सर, इस सार्थक प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई.
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 14, 2015 at 9:03am
आदरणीय मोहन सेठी जी, आपका आभार, रचना के लिए बधाई हेतु धन्यवाद, सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 14, 2015 at 9:02am
प्रिय मिथिलेश जी, आपका आभार, रचना के लिए बधाई हेतु धन्यवाद, सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
1 hour ago
Shabla Arora updated their profile
4 hours ago
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
6 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
22 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
22 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"   आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को सार्थकता प्रदान करती प्रतिक्रिया के…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, नाश सृष्टि का इस करना/ इस सृष्टि का नाश करना/...गेयता के लिए…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"  आदरणीय गिरिराज भण्डारी जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को प्रदत्त विषयानुरूप पाने के लिए आपका…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"क्या ही कथ्य, क्या ही तथ्य और क्या ही प्रवाह .. वाह वाह वाह ..  आदरणीय अशोक भाईजी, आपने…"
23 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"युद्ध की विभीषिका की चेतावनी देती उत्तम रचना हुई आ॰ अशोक जी। सभी भाव पसंद आए।"
23 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service