For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छुट्टियों में हिंदी (संस्मरण)

विद्यालयीन हिंदी विषय पाठ्यक्रमों में हिंदी साहित्य की विभिन्न गद्य या काव्य विधायें बच्चे क्यों पसंद नहीं करते/कर सकते? यह सवाल मेरे मन में अक्सर उठता है।

मैं मानता हूँ कि यदि विद्यालयीन पाठ्यक्रमों में हिंदी साहित्य विधाओं की छोटी रचनायें कहानियां आदि/अतुकांत कविताएं/ क्षणिकाएं/कटाक्षिकायें आदि सम्मिलित की जायें; योग्य हिंदी शिक्षकों द्वारा बढ़िया समझाई जायें, तो विद्यार्थी उन्हें अधिक पसंद करेंगे।

अभी विद्यालयों में हिंदी पाठ भलीभांति कहाँ समझाये जा रहे हैं? मुख्य कठिन विषयों के पाठ्यक्रमों के प्रति समर्पित होने के कारण भाषा के विषयों के साथ न्याय नहीं हो पा रहा है।

मैं लगभग 27 सालों से अंग्रेज़ी भाषा विषय का शिक्षक हूं लेकिन समय-समय पर व्याकरण या कविताएं कक्षा में पढ़ाते समय हिंदी की पाठ्यपुस्तक भी निकलवा कर तुलनात्मक अध्ययन करा कर हिंदी साहित्य की तरफ़ भी बच्चों की रुचि बढ़ाने की कोशिश करता हूंँ, लेकिन सब निरर्थक! क्योंकि हिंदी भाषा शिक्षण केवल पाठ्यक्रम पूरा करने की औपचारिकता पूरी कर रहे हैं। हिंदी भाषण व वाद-विवाद और निबंध लेखन या रचनात्मक लेखन की प्रतियोगितायें या तो नगण्य की स्थिति में हैं या केवल 7-8 छात्रों को लेकर औपचारिकता निभाने की स्थिति में।

तो मैं जब भी होम ट्यूशनों में बच्चों के घर जाता हूंँ या अपनी कोचिंग संस्था में अंग्रेज़ी पढ़ाता हूं, तो समय-समय पर हिंदी भाषा से संबंधित रचनात्मक गतिविधियों को किसी न किसी मौखिक अथवा लिखित विधा में सम्मिलित करता रहा हूँ।

गर्मियों की छुट्टियों में बाल-पत्रिकाओं की तरफ़ बच्चों की अभिरुचि यथासंभव बढ़ाने की कोशिश के क्रम में एक बार मैंने अपनी कोचिंग कक्षा में हिंदी की बाल-पत्रिका से कविता गायन व कहानी पाठ कराने के अलावा लेखन कराने की भी कोशिश की। पहले तो कक्षा नवीं-दसवीं के बच्चे ख़ूब हंसे! फ़िर न-नुकुर करने लगे! अंग्रेज़ी भाषा सुझाने लगे! मेरे द्वारा सख़्ती से आदेश दिए जाने पर विवश हो कर उन्होंने किसी तरह कविता गायन और कहानी पाठ कर ही दिया। हाँ, अच्छे सुसंस्कृत परिवारों के दो-तीन प्रतिभाशाली बच्चों ने अवश्य रुचि लेकर अच्छी प्रस्तुतियाँ दीं।

ये बात उल्लेखनीय रही कि जब मैंने स्वयं अभिनय सा करते हुए कविता व कहानी पाठ कर उदाहरण प्रस्तुत किये, तभी बच्चों ने मेरे आदेश का पालन किया। कोरे भाषणों/प्रवचनों से बच्चे प्रेरित नहीं होते। टीएलएम की तरह मौलिक टीचिंग-लर्निंग मटैरियल से हम शिक्षकगण बच्चों से हिंदी भाषा संबंधित रचनात्मक गतिविधियाँ कम-से-कम गर्मियों की छुट्टियों व अन्य अवकाशों में करवा ही सकते हैं। ये भी सच है कि यदि परिवारजन भी ऐसा अपने घर, कॉलोनी, बर्थ-डे पार्टियों आदि में करते रहें, तो बेहतर परिणाम मिलेंगे। मैंने अपने निजी प्रयासों से ऐसे भी रिस्क लिए लेकिन अपेक्षित व आवश्यक सहयोग और सहभागिता न मिल पाने के कारण सफल नहीं हो सका।

प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षकगण हिंदी/अंग्रेज़ी कवितायें/पोइम्ज़/राइम्ज़ गा-गा कर या स्मार्ट क्लास में उनके वीडियोज़ दिखा कर बच्चों से पाठन व गायन और कंठस्थीकरण सफलतापूर्वक करवा लेते हैं। लेकिन कक्षा छटवीं से दसवीं तक ऐसा करवा पाने में मैं लगभग असफल ही रहा। दरअसल बच्चों में परीक्षा पाठ्यक्रम समय सीमा में पूरा करने/करवाने, मासिक टेस्ट, मिड-टर्म परीक्षाओं, औपचारिक से असाइनमेंट/प्रोजेक्ट पूरा करने आदि का दवाब अधिक रहता है।

शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाशों के
असाइनमेंट/प्रोजेक्ट कार्य में मैंने जब भी हिंदी या अंग्रेज़ी रचनात्मक लेखन करवाने की कोशिश की, केवल अनमनी सी औपचारिकता ही देखने को मिली। बच्चे फाइल सजाने, इंटरनेट से सामग्रियाँ जुटाकर फाइलों में चिपकाने में अधिक रुचि लेते रहे, वह भी अधिक अंक या बढ़िया ग्रेड पाने की लालसा में; न कि भाषा या साहित्य सीखने के लिए!

घर में भी संयुक्त परिवार के या कॉलोनी के बच्चों में ऐसी कोशिशें करने पर मुझे अपेक्षित सफलता नहीं मिली। हो सकता है कि एकल प्रयास में कोई कमी रही हो।

बहरहाल मैं भी यही मानता हूँ कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। हिंदी भाषा/साहित्य के प्रति बच्चों के लगाव हेतु एक-एक क़दम तबियत से हमें उठाने ही होंगे।

[मौलिक व अप्रकाशित]

Views: 374

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
10 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service