For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक ग़ज़ल रुबाइ की बह्र में

मफ़ऊल मफ़ाईल मफ़ाईल फ़अल

221     1221   1221    12

पाना जो शिखर हो तो मेरे साथ चलो

ये अज़्म अगर हो तो मेरे साथ चलो

दीवार के उस पार भी जो देख सके

वो तेज़ नज़र हो तो मेरे साथ चलो

होती है ग़रीबों की वहाँ दाद रसी

तुम ख़ाक बसर हो तो मेरे साथ चलो

पत्थर पे खिलाना है वहाँ हमको कँवल

आता ये हुनर हो तो मेरे साथ चलो

हर शख़्स वहाँ कड़वा करेला है "समर"

लहजे में शकर हो तो मेरे साथ चलो

"समर कबीर"

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1302

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on March 16, 2019 at 11:48am

जनाब भाई विजय निकोर जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

Comment by vijay nikore on March 16, 2019 at 3:26am

//हर शख़्स वहाँ कड़वा करेला है "समर"

लहजे में शकर हो तो मेरे साथ चलो// 

वाह!, बहुत ही खूबसूरत ख्याल। शानदार गज़ल के लिए बधाई, भाई समर जी।

Comment by Samar kabeer on March 15, 2019 at 10:09pm

जनाब अनीस शैख़ साहिब आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

Comment by Samar kabeer on March 15, 2019 at 10:08pm

जनाब मिर्ज़ा जावेद बैग साहिब आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

Comment by Md. Anis arman on March 7, 2019 at 1:12pm

समर कबीर साहब बहुत ख़ूब बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत मुबारक 

Comment by mirza javed baig on March 7, 2019 at 12:51am

वाहहह मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब 

आपके लिए कोई भी बहर ज़रा भी मुश्किल नहीं 

बहुत उम्दा तख़लीक़ के लिए दिली मुबारक बाद पैश करता हूं 

Comment by Samar kabeer on March 6, 2019 at 6:23pm

मेरी इस ग़ज़ल को फीचर ब्लॉग में लेने के लिए जनाब योगराज प्रभाकर साहिब का शुक्रगुज़ार हूँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Rachna Bhatia commented on Rachna Bhatia's blog post आलेख - माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी
"आदरणीय नाथ सोनांचली जी हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद ।"
6 hours ago
Rachna Bhatia commented on Rachna Bhatia's blog post आलेख - माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर भैया नमस्कार। हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद ।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post ग़ज़ल (गर आपकी ज़ुबान हो तलवार की तरह)
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मनोज अहसास's blog post अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास
"आ. भाई मनोज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
AMAN SINHA posted a blog post

जिस दौर से हम तुम गुजरे हैं

जिस दौर से हम-तुम गुजरे है,वो दौर ज़माना क्या जाने?हम दोनों हीं बस किरदार यहाँ के,कोई अपना अफसाना…See More
15 hours ago
AMAN SINHA commented on AMAN SINHA's blog post मैं रोना चाहता हूँ
"आदरणीय नाथ सोनांचली साहब,  आपकी सराहना के लिये धन्यवाद । "
16 hours ago
मनोज अहसास posted a blog post

अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास :इस्लाह के लिए

1222×4एक ताज़ा ग़ज़ल प्रस्तुत है मित्रों इसमें यह सुझाव देने की कृपा करें कि यदि तक की जगह भी कर…See More
17 hours ago
मनोज अहसास commented on मनोज अहसास's blog post अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय नाथ जी सादर"
yesterday
Dr. Geeta Chaudhary commented on Dr. Geeta Chaudhary's blog post कविता: "एक वज़ह"
"बहुत आभार सर!"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Chetan Prakash's blog post गज़ल ः
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।  सबूतों बात ये कह दी अभी…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Dr. Geeta Chaudhary's blog post कविता: "एक वज़ह"
"आ. गीता जी, सादर अभिवादन। सुंदर भावपूर्ण रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Rachna Bhatia's blog post आलेख - माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी
"आ. रचना बहन सादर अभिवादन। सुंदर समसामयिक और शिक्षाप्रद लेख हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service