For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राखी पर कुछ कुण्डलिया

कच्चे धागों से जुड़ा, रक्षाबंधन पर्व
बहना बाँधे डोर जब, भैया करता गर्व
भैया करता गर्व, नेग बहना को देकर
प्रण जीवन रक्षार्थ, वचन खुश बहना लेकर
रेशम बाँधे प्रीत, सनातन रिश्ते सच्चे
बाँटे खुशी अपार, भले हैं धागे कच्चे।1।

सावन में बदरा घिरे, बहने लगी बयार
प्यार बाँटने आ गया, राखी का त्योहार
राखी का त्योहार, सजीं चहुओर दुकानें
ट्रांजिस्टर पर खूब, बजें राखी के गाने
जात धर्म से दूर, भाव है कितना पावन
बँधे स्नेह की डोर, मास आये जब सावन।2।

रचे ऋचाएँ स्नेह की, और मधुर उल्लास
रिश्तों के गठजोड़ को, राखी करती पास
राखी करता पास, दिलों के खोट मिटाकर
दुश्मन बनते दोस्त, पुरातन जंग भुलाकर
दीन दुुुखी के साथ, चलो यह पर्व मनाएँ
राखी का त्योहार, स्नेह की रचे ऋचाएँ।3।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 898

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on August 30, 2018 at 1:03pm

आद0 रवि शुक्ल जी सादर अभिवादन। कुण्डलिया पर आपकी उपस्थिति और उत्साह बढ़ाती प्रतिक्रिया के लिए हृदय तल से आभार

Comment by नाथ सोनांचली on August 30, 2018 at 1:02pm

आद0 सौरभ पांडेय जी सादर नमन। आपकी प्रतिक्रिया पाकर मेरी रचना धन्य हो गयी। बहुत बहुत आभार आपका।

Comment by Ravi Shukla on August 29, 2018 at 4:55pm

आदरणीय सुरेंद्र नाथ जी राखी को केंद्र मानते हुए आपने अच्छी कुंडलिया कही इसके लिए हार्दिक बधाई प्रेषित है


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 29, 2018 at 12:03am

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ जी, आपकी कुण्डलिया के भाव सहज ही निरुपित हुए हैं. हार्दिक बधाई. 

Comment by Sushil Sarna on August 28, 2018 at 1:52pm

आदरणीय सुरेन्दर नाथ जी राखी के अवसर पर बहुत सुंदर कुण्डलिया का सृजन हुआ है। हार्दिक बधाई। 

Comment by नाथ सोनांचली on August 28, 2018 at 11:02am

आद0 समर साहब सादर प्रणाम। आपका बताया लब्ज ही सही और शुद्ध है । पुनः आभार

Comment by Samar kabeer on August 27, 2018 at 6:38pm

सुधार से पहले 'दीन दुखी' को कन्फ़र्म कर लें ।

Comment by नाथ सोनांचली on August 27, 2018 at 6:31pm

आद0 समर साहब सादर प्रणाम। आपकी बहुमुल्य टिप्पणी मुझे किसी ईनाम से कम नहीं। रचना पोस्ट करने के बाद सदैव आपकी टिप्पणी का इंतजार करता हूँ। आपका हृदय तल से आभार।

आवश्यक सुधार कर लेता हूँ। सादर

Comment by Samar kabeer on August 27, 2018 at 6:23pm

जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,रक्षा बंधन के मौक़े पर बहुत अच्छे कुण्डलिया छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें,साथ ही आपको रक्षा बंधन की बधाई भी ।

'बाँटे खुसी अपार'

इस पंक्ति में 'खुसी' को "ख़ुशी" कर लें ।

'दिन दुखियों के साथ'

मेरे ख़याल से सहीह शब्द "दीन दुखी" है, कन्फ़र्म कर लें ।

Comment by नाथ सोनांचली on August 27, 2018 at 2:32pm

आद0 विजय निकोर जी सादर अभिवादन। प्रतिक्रिया द्वारा कविता को परितोषित करने के लिए कोटिश आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
4 hours ago
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
4 hours ago
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
4 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति -----------------प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता…See More
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

पूछ सुख का पता फिर नए साल में एक निर्धन  चला  फिर नए साल में।१। * फिर वही रोग  संकट  वही दुश्मनी…See More
5 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"विषय पर सार्थक दोहावली, हार्दिक बधाई, आदरणीय लक्ष्मण भाईजी|"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service