For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"अभी इक आदमी बाक़ी है जो इंकार कर देगा"

मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन

अगर वो मुफ़लिसी को रौनक़-ए-बाज़ार कर देगा
कई महरुमियों को बर सर-ए-पैकार कर देगा

सभी ने कर लिया इक़रार, लेकिन जानता है वो
अभी इक आदमी बाक़ी है जो इंकार कर देगा

किताबों में लिखा है उसको जन्नत की बशारत है
वफ़ा की राह में क़ुर्बान जो घर बार कर देगा

मिलाएगा अगर हर बात में जो हाँ में हाँ उसकी
उसे नीलाम वो इक दिन सर-ए-बाज़ार कर देगा

हमारे इश्क़ का चर्चा अभी सरगोशियों तक है
जो बाक़ी काम है वो सुब्ह का अख़बार कर देगा

पुराने ज़ख़्म दिल के भर चुके,अब देख लेना वो
हमारे वास्ते पैदा नया आज़ार कर देगा

अगर आमाल की उसके मज़म्मत की नहीं हमने
हमारा साँस लेना भी "समर"दुश्वार कर देगा
----
महरूमी-ना उमीदी,मायूसी,नाकामी
बर सर-ए-पैकार-जंग के लिए तैयार
बशारत-ख़ुश ख़बरी
सर गोशियों-काना फूसी
आज़ार-दुख, तकलीफ़
आमाल-अमल का बहुवचन
मज़म्मत-निंदा

समर कबीर
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1415

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on November 3, 2017 at 10:08pm
जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
'वफ़ा की राह'भी ख़ुदा की ही राह होती है,और शाइरी में हर चीज़ खुलकर बयान कर दी जाए तो फिर शाइरी क्या हुई,इब्हाम भी ज़रूरी है,ग़ौर कीजियेगा ।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 3, 2017 at 9:52pm
मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब आदाब, उम्दा ग़ज़ल हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं।शेर 3 में ख़ुदा की राह में या वफ़ा की राहमें ,देखियेगा
Comment by Samar kabeer on November 3, 2017 at 5:51pm
जनाब दिनेश कुमार जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ।
Comment by Samar kabeer on November 3, 2017 at 5:50pm
जनाब रवि शुक्ला जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on November 3, 2017 at 5:49pm
जनाब निलेश'नूर'साहिब आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ।
Comment by Samar kabeer on November 3, 2017 at 5:48pm
जनाब चौहान साहब आपका बहुत शुक्रिया ।
Comment by Samar kabeer on November 3, 2017 at 5:46pm
जनाब अजय तिवारी जी आदाब,मान गये भाई आपके इंतिख़ाब को,जो शैर ग़ज़ल में मुझे सबसे ज़ियादा पसन्द है, आपने भी वही पसन्द किया ।
ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ,स्नेह बनाये रखें ।
Comment by Samar kabeer on November 3, 2017 at 5:43pm
जनाब राम अवध जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ।
Comment by Samar kabeer on November 3, 2017 at 5:41pm
जनाब मोहित जी आदाब,हा हा हा..सुना है बुढ़ापे में आदमी ज़ियादा आशिक़ मिज़ाज हो जाता है ।
ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on November 3, 2017 at 5:38pm
जनाब नादिर भाई आदाब,अब आपकी तबीअत कैसी है ?
ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़र हूँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए है।हार्दिक बधाई। भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ । "
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, हार्दिक धन्यवाद  आभार आपका "
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद  आभार आदरणीय अशोक भाईजी, "
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभाजी "
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी बहुत सुन्दर भाव..हार्दिक बधाई इस सृजन पर"
3 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह..बहुत ही सुंदर भाव,वाचन में सुन्दर प्रवाह..बहुत बधाई इस सृजन पर आदरणीय अशोक जी"
3 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय अखिलेश जी। तुकांत में हुई असावधानी की आगे के अभ्यासों मे पुनरावृति न हो ऐसी…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी   उत्साहवर्धन करती इस प्रतिक्रिया के लिये हार्दिक आभार। आपके कहे से सहमत हूँ कि…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रस्तुत घनाक्षरी की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार.…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, अच्छा प्रयास है आपका घनाक्षरी पर. भाव चित्रानुरूप सुन्दर हैं किन्तु…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service