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'ग़ालिब'की ज़मीन में एक ग़ज़ल

फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फाइलुन

दूर कितनी शादमानी और है
कुछ दिनों की जाँ फिशानी और है

मेरे फ़न की दाद सबने दी मुझे
आपकी बस क़द्रदानी और है

हो चुकीं सब मौत की तैयारियाँ
दोस्तों की नोहा ख़्वानी और है

है ख़बर सबको बहादुर वो नहीं
उसकी वज्ह-ए-कामरानी और है

दास्तान-ए-इश्क़ तो तुम सुन चुके
ज़िन्दगानी की कहानी और है

दोस्तों से तो मुआफ़ी मिल गई
मुझको ख़ुद से सरगरानी और है

लग रहा है उनकी बातों से "समर"
उनके दिल में बदगुमानी और है
---
शादमानी-ख़ुशी
जाँ फिशानी-कोशिश
नोहा ख़्वानी-रोना पीटना,मातम करना
कामरानी-जीत
सरगरानी-नाराज़गी
समर कबीर
मौलिक/अप्रकाशित

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 25, 2017 at 4:56pm

क्या कमाल के शेर हुए हैं आदरणीय समर साहब ! बहुत खूब, बहुत खूब ! 

इशारों में जो कुछ कहा गया है उसका असर देर तक बना रहता है. तिस पर एक-एक शेर का क़ाफ़िया संतुष्ट हो रहा है. 

दोस्तों से तो मुआफ़ी मिल गई
मुझको ख़ुद से सरगरानी और है...... क्या कमाल, क्या कमाल ! 

हार्दिक बधाइयाँ आदरणीय समर साहब


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 25, 2017 at 12:38pm

है ख़बर सबको बहादुर वो नहीं
उसकी वज्ह-ए-कामरानी और है .., ग़ज़ल तो है ही कमाल की, और ये शेर एकदम खास है वाह बहुत बहुत बधाई आपको इस गज़ल के लिए

Comment by Samar kabeer on October 25, 2017 at 12:05pm
मोहतरमा सीमा मिश्रा जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Seema Mishra on October 25, 2017 at 11:34am

दास्तान-ए-इश्क़ तो तुम सुन चुके
ज़िन्दगानी की कहानी और है

आदरणीय समर कबीर सर बहुत सुगम प्रवाहित और अच्छी ग़ज़ल| सहज ही दिल को छू लेने वाली| आपको बहुत बहुत बधाई! सादर

Comment by Samar kabeer on October 24, 2017 at 6:45pm
जनाब सलीम रज़ा साहिब आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया ।
Comment by Samar kabeer on October 24, 2017 at 6:44pm
जनाब जयनित कुमार मेहता जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्र गुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on October 24, 2017 at 6:42pm
जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on October 24, 2017 at 6:40pm
बहना राजेश कुमारी जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on October 24, 2017 at 6:38pm
जनाब निलेश जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
Comment by Samar kabeer on October 24, 2017 at 5:35pm
जनाब अजय तिवारी जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

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