For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (पुराने अंदाज़ में) // रवि प्रकाश

ग़ज़ल (पुराने अंदाज़ में)
बहर-SSSSSSSSSSS

जीवन का एकाकीपन मिट जावेगा
आन मिलेंगे पी तो मन इतरावेगा।
  आ जावेंगे बिछुड़े संगी-साथी भी
  कौन कहाँ लौं मन ऐसे तरसावेगा।
जब निरखेंगे नैन किसी के नेह भरे
झूलों का मौसम फिर से फिर आवेगा।
  परसेगा कब तक शून्य हमारी निद्रा
  अब तो कोई सपना दर खटकावेगा।
मन हुलसेगा सावन के पहले घन सा
झूमेगा,हर ओर सुधा बरसावेगा।
  खो देंगे हम भी उस पल सारी निजता
  रंग किसी का जब हस्ती पे छावेगा।
जी ही जी में नित्य खिलाया जिसको वो
पुष्प हमारे उपवन को महकावेगा।
  प्राण-प्रतिष्ठा होगी सूने मंदिर में
  पूजन-अर्चन का दीपक जल जावेगा।
आँखों में सब बाँचेगा वो मनभावन
वाणी का यह कोष धरा रह जावेगा।
  छँट जावेंगे आप उदासी के बादल
  वो मीठी बातों से जी बहलावेगा।
हाल हमारे जी का यूँ होगा बिरला
मूरख सब खोकर भी सब पा जावेगा।
-14.08.2016
मौलिक एवं अप्रकाशित।

Views: 511

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ravi Prakash on November 29, 2016 at 4:21pm
धन्यवाद आदरणीय भंडारी जी।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 28, 2016 at 7:22pm

आदरणीय रवि भाई , अच्छी गज़ल कही है , दिल से बधाइयाँ स्वीकार करें ।

Comment by Ravi Prakash on November 26, 2016 at 11:09am
बहुत बहुत शुक्रिया समर कबीर जी।
Comment by Samar kabeer on November 26, 2016 at 10:29am
जनाब रवि प्रकाश जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव ............ सादर "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह ...................... बढ़िया सुझाव ..................... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव .... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव  धन्यवाद अमित जी "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय नादिर खान जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति ...... हार्दिक बधाई ..... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय तिलक राज कपूर सर, आज आपकी ग़ज़ल का लुत्फ़ ले रहा हूँ. विस्तृत चर्चा कल ...... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीया ऋचा यादव जी, इस शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय जैफ जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. वरिष्ठ जनों के  सुझाओं पर ध्यानकर्षण निवेदित…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार ... सादर "
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service