For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नत मस्तक आभार ( दोहें) - लक्ष्मण रामानुज

ईश कृपा से ही हुऐ, सात दशक ये पार,
बाँट सका सुख-दुख सदा,उन सबका आभार | - 1

 

सहयोगी मन भाव से, दिया जिन्होनें साथ,

आभारी उनका सदा,  भली करेंगे नाथ |  - 2

 

सीख मिली जिनसे सदा, उनका ऐसा कर्ज,

चुका सकूँ क्या मौल मै, पूरा करने फर्ज | = 3

 

गुरुजन को मै दे सकूँ, क्या ऐसी सौगात,

सूरज सम्मुख दीप की, आखिर क्या औकात |-4

 

कृपा करे माँ शारदा, तब कुछ मिलता ज्ञान,

विद्वजनों के योग से, लिया सदा संज्ञान | = 5

 

गुरुजन को मै दे सकूँ, क्या ऐसी सौगात,

सूरज सम्मुख दीप की, क्या कोई औकात | - 6

 

जय हो वीणा वादिनी, जिसने किया कृतज्ञ

साहित्यिक पहचान मिली, बना हुआ था अज्ञ | - 7

 

जन्म दिवस पर सब मुझे, करो अगर स्वीकार

मुक्त ह्रदय से कर रहा, नत मस्तक आभार  | - 8

 

विभू मुझे देना सदा, अमर प्रेम की गंध,
प्रेम प्रीत दिल में रहे, मधुर भाव सम्बन्ध | - 9

.
(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 628

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 24, 2015 at 11:32am

बहुत  बहुत आभार आपका श्री श्याम नारायण वर्मा  जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 20, 2015 at 9:00pm

बहुत बहुत  आभार आदरणीय श्री JAWAHAR LAL SINGH  जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 20, 2015 at 8:58pm

रचित दोहे सराहने  के लिए और शुभ कामनाओं के लिए ह्रदय से आपका आभार आदरणीय श्री सत्यनारायण सिंह जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 20, 2015 at 8:57pm

हार्दिक आभार आपका  श्री सतविंदर सिंह जी 

Comment by Shyam Narain Verma on November 20, 2015 at 3:55pm
खुश रहें सदा मान्यवर , जियें हजारों साल ।
खुशी कदम चूमे सदा , जीवन हो खुशहाल ।
सादर.....
Comment by JAWAHAR LAL SINGH on November 19, 2015 at 10:10pm

विभू मुझे देना सदा, अमर प्रेम की गंध,
प्रेम प्रीत दिल में रहे, मधुर भाव सम्बन्ध .

******

लड़ियाँ कुण्डलियाँ बने, ऐसे अग्रज आप 

नेह प्रेम मन में बसे, रहे न कोई शाप! 

आदरणीय लडीवाला साहब, आपके जन्म दिन की अनन्त शुभकामनाएं !

Comment by Satyanarayan Singh on November 19, 2015 at 8:17pm

आदरणीय लडिवाला जी सादर

            जन्मदिन पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं.......
आने वाला प्रत्येक नया दिन, आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं
अपार खुशियाँ लेकर आये !  आपका जीवन  दीर्घायु एवं निरामय हो  यही ईश्वर से नेक कामना चाहता हूँ.

जन्मदिन के शुभ अवसर पर  सुन्दर भावपूर्ण   प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई आदरणीय

सादर

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 19, 2015 at 8:13pm
हार्दिक बधाई एवम् शुभकामनाएं आदरणीयआदरणीय लक्ष्मणलक्ष्मण रामानुज लडीवाला जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"वाह। आप तो मुझसे प्रयोग की बात कह रहे थे न।‌ लेकिन आपने भी तो कितना बेहतरीन प्रयोग कर डाला…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें आदरणीय गिरिराज जी।  नीलेश जी की बात से सहमत हूँ। उर्दू की लिपि…"
Saturday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. अजय जी "
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"मोर या कौवा --------------- बूढ़ा कौवा अपने पोते को समझा रहा था। "देखो बेटा, ये हमारे साथ पहले…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"जी आभार। निरंतर विमर्श गुणवत्ता वृद्धि करते हैं। अपनी एक ग़ज़ल का मतला पेश करता हूँ। पूरी ग़ज़ल भी कभी…"
Saturday
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"क़रीना पर आपके शेर से संतुष्ट हूँ. महीना वाला शेर अब बेहतर हुआ है .बहुत बहुत बधाई "
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"हार्दिक स्वागत आपका गोष्ठी और रचना पटल पर उपस्थिति हेतु।  अपनी प्रतिक्रिया और राय से मुझे…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"आप की प्रयोगधर्मिता प्रशंसनीय है आदरणीय उस्मानी जी। लघुकथा के क्षेत्र में निरन्तर आप नवीन प्रयोग कर…"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"अच्छी ग़ज़ल हुई है नीलेश जी। बधाई स्वीकार करें।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"मौसम का क्या मिज़ाज रहेगा पता नहीं  इस डर में जाये साल-महीना किसान ka अपनी राय दीजिएगा और…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service