For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उसकी अपनी कोई संतान नहीं थी लोग उसे बाँझ कहते थे ! उसने (बाँझ) दरवाजे में कुण्डी लगाया ही था, की तभी किसी बच्चे की रोने की आवाज सुन वो वही ठिठक भर गयी ! दरवाजे की कुण्डी खोल हाथ में लालटेन लिए वो आवाज के दिशा में चल पड़ी ! थोड़ी दूर पहुंची ही थी की अचानक सामने का दृश्य देख चौक पड़ी, छोटे से कपडे में लिपटा वो बच्चा भूख से बुरी तरह बिलबिला रहा था ! उसने बच्चे को उठा कर सीने से लगा लिया,बच्चा ममतामयी स्पर्श पा शांत होकर सो गया ! सुबह लोगो ने उसके झोपडी से बच्चे की आवाज सुनी सुनकर सब चौक गए ! सच से परे लोगो ने बिना सोचे समझे उस पर तरह-तरह के आरोप लगाने शुरू कर दिए.! वो इन सबसे अनजान बेफिक्र बच्चे को सीने से चिपकाये रही ! मन ही मन उसने कुछ दृढ निस्चय सा कर लिया था ! अँधेरा होते ही वो हमेशा के लिए गॉव छोड़ चुकी थी ! अब वो नए गॉव में बस गयी है लोग अब उसे बाँझ नहीं 'माँ' कहते है..!
- जीतू
मौलिक व अप्रकाशित

Views: 621

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 14, 2015 at 11:11pm

इस संवेदनशील प्रस्तुति क्लिए हार्दिक बधाई, आ. जितेन्द्र भाई ..

सतत प्रयासरत रहें.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 11, 2015 at 9:21am

आदरणीय जितेन्द्र जी बहुत मार्मिक कथा हुई है इस बेहतरीन प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई.

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 10, 2015 at 10:32am

मार्मिक कथा पर बधाई!

Comment by Jitendra Upadhyay on May 9, 2015 at 3:53pm

Aap sabhi ka sadar aabhar !

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 8, 2015 at 9:55pm

भावुक कथा को साझा करने हेतु आप बधाई के पात्र हैं. आ0 जीतू भाई जी, सादर

Comment by shashi bansal goyal on May 8, 2015 at 7:04pm
बहुत। सुन्दर कथा हुई है । बधाई आपको। आदरणीय जीतेन्द्र जी ।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 8, 2015 at 6:15pm
सुन्दर प्रस्तुति , सादर।
Comment by मनोज अहसास on May 8, 2015 at 2:48pm
सार्थक और सकारात्मक सोच
सादर बधाई
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 8, 2015 at 2:00pm

अच्छा प्रयास है .  स्नेह.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
26 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
15 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
17 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service