For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

" ये देखिये , सोनू का परीक्षा परिणाम ।बहुत ही निराशाजनक है ।"
" मैडम क्या आप 'ट्यूशन' लेती हैं ?"
" ट्यूशन का बच्चे के प्रदर्शन से क्या सम्बन्ध ? "
" है क्यों नहीं । पुराने विद्यालय में सोनू सदा अव्वल आता था क्योंकि वहीं के मास्टर जी से 'ट्यूशन' लेता था ।"
" ओह्ह्ह ! यानि बच्चे की बुनियाद में ही दीमक लगी है।"
=======================
मौलिक व अप्रकाशित ।

Views: 705

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by shashi bansal goyal on May 8, 2015 at 5:57pm
हार्दिक आभार आदरणीय गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी ।
Comment by shashi bansal goyal on May 8, 2015 at 5:56pm
हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी ।आपकी शुभकामनायें सम्बल बढ़ाने और प्रोत्साहन देने वाली है ।इसके लिए हृदय तल से आभारी हूँ ।
Comment by shashi bansal goyal on May 8, 2015 at 5:51pm
हार्दिक आभार आदरणीय sushil sarna जी ।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 8, 2015 at 2:26pm

सुन्दर ,


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 7, 2015 at 11:59pm

आदरणीया शशि जी, आपकी यह लघुकथा आजके दौर का सबसे ज्वलंत समस्या उठाती हुई है.
हार्दिक शुभकामनाएँ
सादर

Comment by Sushil Sarna on May 7, 2015 at 8:02pm

सत्यता पर चोट करती सुंदर लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई  आदरणीया। 

Comment by shashi bansal goyal on May 7, 2015 at 4:48pm
हार्दिक आभार आदरणीय krishna mishra जी ।
Comment by shashi bansal goyal on May 7, 2015 at 4:46pm
हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी ।
Comment by Shyam Narain Verma on May 7, 2015 at 3:44pm
सुन्दर लघुकथा के लिये आपको बधाई ॥
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on May 7, 2015 at 2:21pm

वाह! वाह! बेहतरीन लघुकथा हुयी है,आजकल कमोबेश सभी जगहों पर शिक्षा की स्थिति ऐसी ही है,इस विषय प्र और लघुकथाए आनी चाहिए! आपको हृदयतल से बधाई व् शुभकामनाए आ० शशि बंशल ज़ी!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आदरणीय नीलेश नूर भाई, आपकी प्रस्तुति की रदीफ निराली है. आपने शेरों को खूब निकाला और सँभाला भी है.…"
8 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"पानी भी अब प्यास से, बन बैठा अनजान।आज गले में फंस गया, जैसे रेगिस्तान।।......वाह ! वाह ! सच है…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर  आ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर .....वाह…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूरज की तपन…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहों पर दोहे लिखे, दिया सृजन को मान। रचना की मिथिलेश जी, खूब बढ़ाई शान।। आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service