तमन्ना
इस चमन की सुमन खिलते रहें
सुख दुःख में हम मिलते रहें
लाख कोशिश करे हमें तोड़ने की
हम जुड़े हुवे हम जुड़ते रहें
इंद्रधनुषी रंग छाते रहें
खुशियों के गीत गाते रहें
लहू के रंग फैलायें न कोई
हम जगे हुवे हम जगते रहें
पक्षियों का कलरव गूंजता रहे
पर्वतों को गगन चूमता रहे
आँधियाँ चाहे चले जोर से
हम अडिग हुवे हम अडिग रहें
झरने कल कल झरते रहें
विकास पथ पर बढ़ते रहें
भूल से भी न रोके कोई
हम अजये विजयी रहें
हिम शिखर चमकते रहें
सागर पर लहरें मचलती रहें
आ जाए चाहे बर्फीली हवा
जोशीले थे जोशीले रहें
तिरंगा हमारा लहराता रहे
राष्ट्र गान भाता रहे
कुदृष्टि न जाने कोई
स्वाभिमानी हम स्वाभिमानी रहें
ईद दिवाली मनाया करें
हो अजान शंख बजाया करें
हरी ॐ गूंजे ब्रह्माण्ड में
हम शांति पंछी शांति फैलाया करे
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय डॉ.गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी,आ.कृष्णा मिश्रा जी,आ.मिथलेश वामनकर जी व आ.हरी प्रकाश दुबे जी आप सभी का तहे दिल से आभार.
बहुत बढ़िया आदरणीय श्याम मठपाल जी , बधाई प्रेषित ! सादर
हम शांति पंछी शांति फैलाया करे..
सुन्दर रचना पर बधाई आदरणीय!
सुन्दर प्रस्तुति
बधाई
आ० महिपाल जी
ईश्वर आपकी तमन्ना पूरी करे . सादर .
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