For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अंधकार को अंधकार से मिटाते हैं -- डा० विजय शंकर

रौशनी से अन्धकार तो सब मिटा लेते हैं
हम अंधकार को अंधकार से मिटाते हैं |
एक बुराई हटाई , हटाई क्यों , हटाई नहीं ,
साइड में लगाईं , नई बुराई लगाई |
एक फेल को दूजे फेल से बदल दिया ,
एक असफल को फिर असफल होने का
अवसर दिया , और जोरदार एलान किया ,
देखो , हमने कैसा परिवर्तन कर दिया ,
और एक कमजोर का उत्थान भी कर दिया |
क्योंकि हम वीर हैं , हर हाल में जी लेते हैं ,
किसी बुराई से डरते नहीं ,
हर बुराई में जी लेते हैं ,
हर बुराई को झेल लेते हैं ,
हर बुराई के साथ एडजस्ट कर लेते हैं ।
बुराइयों से लड़ते नहीं ,
दायें बाएं करके बस , निकल लेते हैं ,
सह लेते हैं , सह लेते हैं , सहते रहते हैं ।

मौलिक एवं अप्रकाशित.
डा० विजय शंकर

Views: 679

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by khursheed khairadi on December 31, 2014 at 11:44am

हर बुराई के साथ एडजस्ट कर लेते हैं ।
बुराइयों से लड़ते नहीं ,
दायें बाएं करके बस , निकल लेते हैं ,
सह लेते हैं , सह लेते हैं , सहते रहते हैं ।

आदरणीय विजयशंकर जी ,बेहतरीन तंज़ है समाज की दोगली मानसिकता पर |सादर अभिनन्दन 

Comment by Shyam Narain Verma on December 31, 2014 at 10:19am

बहुत ही लाजवाब रचना है , बधाई।

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 10:17am
व्यंग आपको पसंद आया , आभार आदरणीय वन्दना जी , सादर।
Comment by vandana on December 31, 2014 at 7:48am

एक बुराई हटाई , हटाई क्यों , हटाई नहीं ,
साइड में लगाईं , नई बुराई लगाई |

बेहतरीन व्यंग्य आदरणीय 

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 4:03am
Thank you Dear Somesh Kumaar ji .

Regards .
Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 4:02am
आदरणीय हरी प्रकाश दुबे जी , आपकी बधाई के लिए ह्रदय से धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on December 31, 2014 at 4:01am
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , यदि सच यही हो रहा है, किया जा रहा है तो कहा भी जाना चाहिए। चाहे कुछ विनम्रता के साथ ही। पर लिखे में होना और दिखना चाहिए। शायद कभी , कहीं , कोई असर हो।
आपकी बधाई के लिए ह्रदय से धन्यवाद , सादर।
Comment by somesh kumar on December 30, 2014 at 10:55pm

a good satire sir

Comment by Hari Prakash Dubey on December 30, 2014 at 10:45pm

आदरणीय विजय शंकर सर ,सुन्दर रचना ,हार्दिक बधाई आपको ! सादर 

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 30, 2014 at 9:55pm
My high regards,Dr.Gopal Naraayan ji.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"सभी सदस्यों को सादर अभिवादन।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"1212 1122 1212 22/112) * नशा ये इश्क़ का इसमें तो बेख़ुदी न मिला गमों का दौर है भाया खुदा खुशी न…"
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"तू शर्बतों में ये नफ़रत की शोरिशी न मिला  ओ बाबा खीर के प्यालों में तुर्शगी न…"
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदाब अर्ज़ है महफ़िल-ए-मुशायरा। "
9 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"स्वागतम"
9 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service