For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत: रँग जीवन हैं कितने

*रँग जीवन हैं कितने.

सुख अनंत मन की सीमा में,
दुख के क्षण हैं कितने ?

अभिलाषा आकाश विषद है,
है प्रकाश से भरा गगन.
रोक सकेंगे बादल कितना,
किरणों का अवनि अवतरण.
चपला चीर रही हिय घन का,
तम के घन हैं कितने ?
..दुख के क्षण हैं कितने ?

काल-चक्र चल रहा निरंतर,
निशा-दिवस आते जाते,
बारिश सर्दी गर्मी मौसम,
नव अनुभव हमें दिलाते.
है अमृतमयी पावस फुहार,
जल प्लावन हैं कितने ?
..दुख के क्षण हैं कितने ?

अनजानों की ठोकर सह लें,
क्षम्य नहीं आपस में भूल.
ये मानव रिश्ते भी क्या हैं,
आज फूल कल बनते शूल.
कभी मलय से सौम्य सुगन्धित,
दग्ध अगन हैं कितने ?
.. दुख के क्षण हैं कितने ?

छल फरेब को कैसे मापें,
कौन सान कसें ईमान.
निर्वासित क्यों शौर्य वर्यता,
क्यों कुंठित हो रहे ज्ञान.
आदर्शों की रसवंती में,
कुत्सित्जन हैं कितने ?
..दुख के क्षण हैं कितने ?

स्वर्ग-नर्क सब यहीं धरा पर,
अपने कर्मों की छाया.
सुख-दुख में परिमार्जन करना,
लोभ-मोह मन की माया.
विस्तृत होते इन्द्रधनुष से,
रँग जीवन हैं कितने ?
सुख अनंत मन की सीमा में,
दुख के क्षण हैं कितने ?
**हरिवल्लभ शर्मा

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 687

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by harivallabh sharma on November 26, 2014 at 2:47pm

आदरणीय vijay nikore जी हार्दिक आभार रचना के आयामों पर आपका अनुग्रह मिला..बिलम्ब हेतु खेद है ..सादर.

Comment by harivallabh sharma on November 26, 2014 at 2:46pm

आदरणीया MAHIMA SHREE जी हार्दिक आभार आपने रचना पर उत्तम प्रतिक्रिया देकर हौसला बढाया..बिलम्ब हेतु खेद है ..सादर.

Comment by harivallabh sharma on November 26, 2014 at 2:43pm

आदरणीय लक्ष्मण रामानुज लडिवाला जी आपका हार्दिक आभार आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया से सदैव उत्साहित हुआ हूँ..बिलम्ब हेतु खेद...सादर.

Comment by harivallabh sharma on November 26, 2014 at 2:40pm

आदरणीय Dr.Vijai Shanker साहब आपने गीत पर अपनी स्नेहिल उत्साहित करती प्रतिक्रिया दी आपका हार्दिक आभार, बिलम्ब हेतु क्षमा ..सादर.

Comment by harivallabh sharma on November 26, 2014 at 2:38pm

आदरणीय somesh kumar आपकी प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार..बिलम्ब हेतु खेद है..सादर.

Comment by harivallabh sharma on November 26, 2014 at 2:36pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी आपकी उत्साहित करती स्नेहिल टीप हेतु हार्दिक आभार...बिलम्ब के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ...सादर.

Comment by harivallabh sharma on November 26, 2014 at 2:33pm

आदरणीय Shyam Narain Verma जी आपकी स्नेहिल टिप्पणी का अति बिलम्बित आभार...

Comment by vijay nikore on October 21, 2014 at 3:01am

आपकी रचना ने चिंतन के लिए बहुत कुछ दिया है। अच्छी रचना के लिए बधाई।

Comment by MAHIMA SHREE on October 19, 2014 at 7:43pm

बहुत ही सुंदर ..हार्दिक बधाई 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 18, 2014 at 10:15pm

बहुत सुंदर भावों के गीत रचना हुई है | मेरी एक पुरानी रचना के कुछ शब्द इस प्रकार थे -

दुख के क्षण बहुत है, सुख भी मिले असीम 

पर सुख तो मृग तृष्णा है दीखे दूरों मील |

सुंदर गीत रचना पर हार्दिक बधाई श्री हरी बल्लभ शर्मा जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
5 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service