For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अभागे (लघुकथा) - रवि प्रभाकर

प्रैस काफ्रेंस देर शाम तक चली। बाल श्रम उन्मूलन के तहत आजाद करवाये बाल श्रमिकों को पुलिस प्रेस के समक्ष लाई थी। फोटो खींचे गए, भाषण दिया गया और थानेदार साहिब का साक्षात्कार भी लिया गया। पत्रकार काफ्रेंस के बाद चाय नाश्ता कर अपने घर की ओर जा रहे थे तो सुबह से भूखे बैठे बाल श्रमिकों की ओर देखकर एक कांस्टेबल धीरे से थानेदार साहिब के कान में फुसफुसाया:

“साहिब! अब इन बच्चों का क्या करना हैे?”
”बड़े साहिब की बिटिया की शादी है अगले हफ्ते, कितना काम होगा वहाँ, छोड़ आयो वहीँ पे इन ससुरों को. "


(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 683

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 5, 2014 at 12:57pm

अनुज, मैं वास्तविक तौर पर एक पाठक हूँ. इस धर्म का दायित्व समझता हूँ. अतः अपनी ओर से सचेत रहने का प्रयास करता हूँ. यही दायित्वबोध मुझे किसी रचना से जोड़ता है. उसी बिना पर मैं किसी रचना के परिप्रेक्ष्य में अपने सारे ’तर्क’ या ’वितर्क’ पटल पर रखता हूँ.

 

जहाँ तक इस लघुकथा विधा का सवाल है. मैं इस विधा में पहले दर्ज़े का विद्यार्थी हूँ.   :-))

इस विधा में रचनाकर्म के क्रम में आपसबों की मेहनत और कुशलता एक रचनाकार के तौर मेरे लिए भी प्रेरणा है.

शुभ-शुभ

Comment by Ravi Prabhakar on August 5, 2014 at 10:25am

श्रद्धेय सौरभ भाई जी,
सादर । जब कोई लघुकथा आपकी ‘माइक्रोस्कोपिक नजर’ से निकलती है तब उसका सच सामने आता है। लघुकथा को अपना समय देने और उस पर आपकी सार्थक प्रतिक्रिया से नये रक्त का संचार होता है। यह आप ही की प्रेरणा का परिणाम है कि मैं फिर से लघुकथा लिखने को प्रेरित हुआ। धन्यवाद भाई जी ! और जैसा आप सदैव कहते हैं शुभ शुभ..

Comment by Ravi Prabhakar on August 5, 2014 at 10:20am

शुभ्रांशु भाई,
आप इस कला के पारखी हैं, आपकी वाहवाही से धन्य हूं।

Comment by Ravi Prabhakar on August 5, 2014 at 10:19am

आदरणीय लक्ष्मण जी,
सार्थक प्रतिक्रिया हेतु धन्यवाद।

Comment by Ravi Prabhakar on August 5, 2014 at 10:18am

आदरणीय सविता जी एवं मीना पाठक जी
लघुकथा को अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद।

Comment by Ravi Prabhakar on August 5, 2014 at 10:17am

आदरणीय राजेश कुमारी जी,
सादर । लघुकथा में छुपे कथा तत्त्व को समझने और सराहने के लिए धन्यवाद।

Comment by Ravi Prabhakar on August 5, 2014 at 10:16am

लघुकथा को अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आदरणीय विनय जी, आशा जी, महिमा जी, जवाहर जी, जितेन्द्र जी व रमेश जी का धन्यवाद।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 4, 2014 at 6:03pm

अनुज रविभाई, यही सच है. बंधुआ-बाल मज़दूरी के खिलाफ़ लम्बी-लम्बी चर्चाओं के बाद कारवाही हुई है. खूब फोटो निकाले गये हैं. लम्बे-लम्बे लेख आये हैं और चौड़े-चौड़े वादे हुए हैं. वे बालक कहाँ हैं आज ? कोई खोज-खबर ? नहीं !

आपने कथाके मध्यम से समाज के एक स्याह पक्ष को उजागर किया है.

बहुत-बहुत बधाई, भाई

Comment by Shubhranshu Pandey on August 4, 2014 at 4:02pm

आदरणीय रवि प्रभाकर जी,

फ़्लैश की चमक के पीछे के काले सच को बखुबी बयान किया है,

बहुत सुन्दर.

सादर. 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 4, 2014 at 1:26pm

आखिरकार पुलिसिया व्यवहार दिखा ही दिया जो कई बार फर्जी मुठभेड़ दिखा कर मैडल पाने की आशा करते है | बाल श्रमिकों 

पर लिखी मार्मिक लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Apr 13

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Apr 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service