For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चलो एक वृक्ष लगाएँ !

चलो एक वृक्ष लगाएं
करें पुण्य का काम
जो दे हम सब को
जीवन भर आराम
चलो एक वृक्ष लगाएं |

धरती माँ का गहना है ये
है ये उनका रूप श्रृंगार
पत्ता-पत्ता बूटा-बूटा
देता हमको जीवन दान
चलो एक वृक्ष लगाएं |

बरगद, पीपल, नीम, पाकड़
तुलसी, अक्षय, पारिजात
ये सब है उपहार प्रकृति का
मिला है सबको एक समान
चलो एक वृक्ष लगाएं |

जल का संग्रह करना है अब
सोच लें गर हम सब इक बार
वर्षा जल संचित कर के हम
भर लें जल भण्डार अपार
चलो एक वृक्ष लगाएं |

गंगा को मैली कर-कर के
किया है हमने जो अपराध
पुनः उसे स्वक्ष करने का
संकल्प लें, बढ़े हम साथ
चलो एक वृक्ष लगाएं |

मीना पाठक 
मौलिक/अप्रकाशित 

Views: 655

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on July 12, 2014 at 6:37pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ सर ...कभी मौका मिला तो इस रचना का सस्वर पाठ जरूर करुँगी | सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 7, 2014 at 12:36am

प्रस्तुति के लिए धन्यवाद, आदरणीया. इस अभिव्यक्ति को आपने सस्वर किया होता तो अंतर्निहित संदेश की आवृति और गहन हुई होती.

सादर

Comment by Meena Pathak on June 23, 2014 at 6:38pm

शुक्रिया बाबू 

Comment by Vindu Babu on June 23, 2014 at 9:19am

अच्छी और प्रासंगिक रचना की है आपने दीदी.

हार्दिक बधाई स्वीकारें।

सादर

Comment by Meena Pathak on June 23, 2014 at 7:40am

आदरणीय गिरिराज जी सादर आभार स्वीकारें 

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 22, 2014 at 7:33pm
आ o सुश्री राजेश कुमारी जी , सुझाव अच्छा है ,रचना के अनुमोदन हेतु धन्यवाद .
सादर.

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 22, 2014 at 7:26pm

आदरणीया मीना जी , पर्यावरण के लिये बहुत सुन्दर संदेश देती आपकी रचना के लिये बहुत बधाइयाँ ॥

Comment by Meena Pathak on June 22, 2014 at 5:49pm

आभार प्रिय जितेन्द्र | सस्नेह 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 22, 2014 at 9:59am

एक सुंदर सन्देश, बिलकुल सही समय पर बारिश आने ही वाली है, बधाई स्वीकारें आदरणीया मीना दीदी

Comment by Meena Pathak on June 21, 2014 at 10:14pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय जवाहरलाल जी | सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
""रोज़ कहता हूँ जिसे मान लूँ मुर्दा कैसे" "
14 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"जनाब मयंक जी ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, गुणीजनों की बातों का संज्ञान…"
17 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय अशोक भाई , प्रवाहमय सुन्दर छंद रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई "
37 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय बागपतवी  भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक  आभार "
41 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आदाब, ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएँ, गुणीजनों की इस्लाह से ग़ज़ल…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, इस्लाह और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदाब,  ग़ज़ल पर आपकी आमद बाइस-ए-शरफ़ है और आपकी तारीफें वो ए'ज़ाज़…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज भाईजी के प्रधान-सम्पादकत्व में अपेक्षानुरूप विवेकशील दृढ़ता के साथ उक्त जुगुप्साकारी…"
10 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"   आदरणीय सुशील सरना जी सादर, लक्ष्य विषय लेकर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
11 hours ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"गत दो दिनों से तरही मुशायरे में उत्पन्न हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की जानकारी मुझे प्राप्त हो रही…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मोहतरम समर कबीर साहब आदाब,चूंकि आपने नाम लेकर कहा इसलिए कमेंट कर रहा हूँ।आपका हमेशा से मैं एहतराम…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service