For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

और कितने भूखे हैं ये

कहा जाता है की पुरे भारत की बागडोर दिल्ली में बैठने वालों के हाथ में होती है और शायद यही सत्य भी है.साल २०१० "महंगाई" और "भ्रष्टाचार" से बदनाम रहा.ये दो शब्द ऐसे शब्द है जो की २०१० में कितने महापुरुषों को स्टार बना दिया तो कितनो की मुहं की निवाले छीन गयी .एक तरफ ए.राजा(पूर्व दूरसंचार मंत्री),सुरेश कलमाड़ी(राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यछ),ललित मोदी(इंडियन प्रिमिअर लीग,चेअरमैन ),अशोक चव्हाण(पूर्व मुख्यमंत्री,महाराष्ट्र), जैसे कई छोटे बड़ों को स्टार बना गया यह साल २०१० का भ्रष्टाचार तो दूसरी तरफ देश की आधी आबादी की मुहं की निवाले छिनने की नौबत आ गयी.हमारे देश में कहा जाता है की "दाल रोटी खायेंगे और प्रभु का गुण गायेंगे" लेकिन न तो आज कही दाल का पता है न रोटी का तो प्रभु की तो बात ही छोड़ दीजिये, लेकिन अब मध्यम श्रेणी भी चिल्ला चिल्ला कर  कह रही है की "भूखे भजन न होय गोपाला".और सबसे बड़ी बात यह है की यह सब तब हो रहा है जब हमारे देश की बागडोर एक कुशल अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री डा.मनमोहन सिंह जी के हाथ में है.ये वो पंजाब दा पुतर हैं जिन्होंने भारत को उस विषम परिस्थिति से बाहर निकाला था जब भारत का पूरा सोना गिरवी रखने की नौबत आ गयी थी.और यही कारण है की मनमोहन सिंह २००४ से लेकर २००९ तक माध्यम श्रेणी के लोगो के लाडले बने रहे और वर्ष २००९ में जनता ने उन्हें दोबारा जनाधार दिया. 

जब हमारे देश में चुनावी महापर्व शुरू होता है तो जनता में एक उत्साह होता है की हमें एक ऐसा नेता चुनना है जो हमारी समस्याओं को समझे हमारे लिए कुछ करे,लेकिन अफ़सोस की शायद ही ऐसा कोई सांसद या मंत्री हो जो उनके उमीदों पर खरा उतरे.और  सत्ता में आने के बाद सबकी निगाहें सिर्फ उन गरीबों के निवाले और आपके जेबों पर होती है.और थोडा साफ़ -साफ़ कहे तो सत्ता में आने के बाद नही बल्कि सत्ता में वही आते हैं जो सबसे ज्यादा लुटेरे हैं,सबसे बड़े अपराधी हैं.और उनका मात्र एकसूत्री कार्यक्रम होता है किसी तरह राष्ट्र संपदा को लूटना ,क्योंकि क्या पता भविष्य में फिर मौका मिले या न मिले.लेकिन हद तो तब हो गयी है जब केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के पद पर एक ऐसे व्यक्ति को बिठा दिया गया जिसके दामन पर खुद भ्रष्टाचारी के दाग लगे हुए हैं| और सरकार के पास इसका कोई पुख्ता जवाब नहीं हैं की ऐसा क्यूँ किया गया?हमारे देश के नेताओं का मानसिकता ऐसा हो गया है की लूटतंत्र के प्रणाली में अगर कोई पद आड़े आये तो उसपर भी ऐसे नौकरशाह बैठाये जाये जिससे हमारी काम बनते रहे|क्या हमारे देश में नेता का अर्थ लुटेरा और अपराधी होता है?भारत की बड़ी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस जो एक दुसरे को भ्रष्टाचार और लूट-पाट के नाम पर सदैव घेरने की कोसिस करती है,क्या वो इस बात का जवाब दे सकती है की क्यूँ देते हैं ऐसे नीच स्तर के लोगो को टिकट?जिनके बारे में गली का बच्चा -बच्चा जनता है की यह चोर और लुटेरा है|लेकिन सत्य तो ये है की जनता को मुर्ख बनाया जाता है | देश में जब २जी स्पेक्ट्रुम घोटाला सामने आया तो राजा ने इस्तीफा दे दिया,आदर्श हाऊसिंग घोटाला विस्फोट हुआ तो अशोक चव्हाण ने इस्तीफा दे दिया | लेकिन जनता ये जानना चाहती है की-क्या इतनी बड़ी राष्ट्र संपदा के लूट की तुलना सिर्फ कागज के एक टुकड़े(इस्तीफा पत्र) से होता है?अरबो करोडो रुपये का वजन सिर्फ एक पन्ने के वजन से तौल दिया जाता है हमारे लोकतंत्र में?यह कैसा लोकतंत्र है जहा लोक का लाज भी नही रखा जा सकता है?क्या हमारे देश में ऐसा कोई शिक्षित और योग्य उम्मीदवार नही है जो सांसद और मंत्री बन सके और निस्वार्थ सेवा करे समाज का?
अब वो दिन दूर नही जब भारत की युवा भी मिस्र के तर्ज पर आन्दोलन छेड़ेगी और पूछेगी की ..और कितने भूखे है ये सियासत के रखवाले?
आईये अब प्रकाश डालते हैं इन नेताओं पर खर्च होने वाले धन पर .हाल ही में सांसदों की तनख्वाह १६००० से बढ़ा कर ५०००० मासिक की गयी है,कार्यालय और संसदीय छेत्र का खर्चा ४०००० प्रत्येक,जो की कूल मिलकर लगभग १.३ लाख मासिक होती है,इसके अलावें न्यूनतम दर पर ४ लाख तक वाहन ऋण,रेलवे में प्रथम श्रेणी की यात्रा ,साल में ३४ हवाई यात्रा मुफ्त,पत्नी का आठ बार आवास से दिल्ली तक हवाई यात्रा मुफ्त और रेलवे के प्रथम श्रेणी में अनगिनत ,एक हजार प्रतिदिन सांसद में हाजिरी लगाने के लिए.इसके अलावे मुफ्त फ़ोन,गाड़ी,बंगला,और फर्नीचर तक के पैसे भी दिए जाते हैं.एक सर्वेक्षण के अनुसार २००४ से २००९ तक लगभग साठ प्रतिशत सांसदों के सम्पतियों में तीन सौ प्रतिशत का इजाफा हुआ है. ये सारी सुविधाएँ हमारे नेता जी लोग को मुहैया कराया जाता है क्योंकि ये हमारे नेता है,नेतृत्वा कर रहे हैं.इसके बदले हमें मिलता क्या है महंगाई और लूटतंत्र.अमेरिका के कांग्रेस में सदस्यों के पास सिर्फ पंद्रह प्रतिशत बाहरी धन अर्जित करने की अनुमति दी जाती है,लेकिन भारतीय सांसदों के पास तो कई कम्पनियाँ के साथ साथ पाच सितारा होटल भी है| 
 अब जानिए की ये सुविधाए किसको दी जा रही है.एक सर्वेक्षण के अनुसार ५४३ सांसदों में से ३१५ सांसद करोरपति है ,१५० सांसदों पर क्रिमिनल केस है ,जिनमे से ७३ पर हत्या और बलात्कार जैसे संगीन मामलों के आरोपी भी हैं.आखिर कब सुधरेंगे हम?कब होंगे हम जागरूक?कब तक ये लोकतंत्र लूटतंत्र बनकर रहेगा?उपर्युक्त सभी सुविधाएँ हम अपराधियों और लुटरों को मुहैया करा रहे हैं.अगर यही रफ़्तार रहा तो भारत  के सारे बड़े बड़े अपराधी खादी धारण कर दिल्ली में राज करेंगे जिनका पोशाक भले ही बदल जाये लेकिन काम वही रहेगा सिर्फ करने का तरीका बदल जायेगा.  
इतने सारे सुविधाएँ मिलने के बाद भी इनका नजर हमारे दो जून की रोटी पर रहता है और वो भी महंगाई की बलि चढ़ रहा है,भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रहा है.यह वही देश है जहा पशुओं का चारा भी घोटाला हो जाता है.और कितना खायेंगे ये खादीधारी|चाहे कांग्रेस  हो या बीजेपी जनता दोनों से यह पूछना चाहती है की आनेवाले  समय में क्या कोई ऐसी  मुहीम छेड़ेंगे की भारतीय राजनीती कालेधन से मुक्त हो ? जो खुद सुधरने के लिए तैयार नहीं वे जनता को यह भरोसा नहीं दे सकते कि उन्हें वास्तव में देश की परवाह है|हम उस भारत के नागरिक हैं ,जहा एकतरफ  भारतीय नेताओं का कुत्ता मांस,मछली,बटर  और दूध से नास्ता करता है वही दूसरी तरफ लाखों गरीब भूखे पेट सोते हैं. यह आवाज हमारी नही बल्कि भारत के हर एक गरीब का है जो यह कह रहा है की "फिर भी पेट नही भरता है इनका"|
रत्नेश रमण पाठक
यांत्रिक अभियंत्रण छात्र

Views: 413

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई चेतन जी , सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "टपकती छत हमें तो याद आयी"…"
46 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उदाहरण ग़ज़ल के मतले को देखें मुझे इन छतरियों से याद आयातुम्हें कुछ बारिशों से याद आया। स्पष्ट दिख…"
47 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
52 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"सहमत"
59 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। गुणीजनो के सुझावों से यह और निखर गयी है। हार्दिक…"
1 hour ago
Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"मुशायरे की अच्छी शुरुआत करने के लिए बहुत बधाई आदरणीय जयहिंद रामपुरी जी। बदलना ज़िन्दगी की है…"
8 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, पोस्ट पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
12 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
13 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service