पत्थर बना रहा सदा पत्थर बना रहा
ग़ज़लों में रोये ज़ार हम वो अनसुना रहा
दुनिया है हुक्मरान की क़ानून हैं बड़े
लाखों किये जतन मगर ये बचपना रहा
रातो में नीद भी नही दिन में नही सुकूं
सब कुछ रहा अजीब सा जब तुम बिना रहा
मंजिल से दूर रोकने क्या क्या नही हुआ
रस्ते भुलाने के लिए कुहरा घना रहा
सोचा बुला दूँ जो तुझे जाएगी मेरी जान
जीता रहा जरूर मै पर तडपना रहा
अनुराग सिंह “ऋषी”
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आपने बह्र - 2212 1212 2212 12 मे गज़ल कही चाही है , उसके अनुसार - मै गलत मिसरे की तक्तीअ कर के दे रहा हूँ , क्रिपया देख लें ---
दुनिया है ब/ 2211या 2221 / ड़े लोगों की 1212 / क़ानून हैं 2212 / बड़े 12
रातों में न 2121 या 2221 या 2211 / ही नींद थी 1212 / दिन में नही 2212 / था चैन 12 - एक मात्रा अतिरिक्त की छूट
जीता रहा 2212 / जरूर पर 1212 / संग तडपना 21212 / रहा 12
रातों में नही नींद थी दिन में नही था चैन
सब कुछ रहा अजीब सा जब तुम बिना रहा
अनुराग जी सुन्दर भाव लिए गजल अच्छी कोशिश। बाकी गजल गुरु लोगों की सलाह है कृपया ध्यान दें
भ्रमर ५
आदरणीय उपर्युक्त ग़ज़ल मैं बह्र 2212 1212 2212 12 के अनुसार लिखना चाह रहा था
सादर
आदरणीय अनुराग भाई , त्रुटि पूर्ण मिसरे का अंदाजा तो तब होगा जब आप किस बह्र मे गज़ल कहना चाह रहे हैं बतायेंगे !
मै सब कुछ समझाने के योग्य नही हूँ , आप लेख पढने के बाद कुछ कठिनाई महसूस करें तो उसे शायद मै दूर कर पाऊँ ॥
आदरणीय अनुराग भाई , यहाँ सभी सीख रहे हैं , अतः आपको अगर ग़ज़ल कहनी है तो -
http://www.openbooksonline.com/group/gazal_ki_bateyn
इस ग्रुप मे ज्वायन करके लेखों का अध्ययन करना चाहिये , मैने भी यही किया है ! सारे नियम कानून यहीं मिल जायेंगे । आप प्रयास ज़रूर करें बहुत जल्द आप बह्र जान जायेंगे और बह्र मे गज़ल कह सकेंगे , मेरा विश्वास है !! सादर !!
ह्रदय से आपको नमन है आदरणीय गिरिराज सर एवं जर्रानवाजी के लिए बहुत बहुत आभार
किन्तु सर हमारा बह्र पक्ष बेहद कमजोर है तक्तीअ करना नही आता कोशिश ये रहती है धुन के साथ चल सकूँ | अतः आपसे निवेदन है त्रुटी पूर्ण मिसरों को चिन्हित कर दें ताकि मार्गदर्शन हो सके
सादर
बहुत बहुत आभार आपका चंद्रशेखर सर
सादर
आदरणीय अनुराग भाई , ग़ज़ल बहुत सुन्दर लगी , आपको बहुत बधाइयाँ !! लेकिन बह्र मुझे अलग अलग मिसरे मे अलग अलग लग रही है , आप बह्र का उल्लेख ज़रूर किया कीजिये तकि सीखने वालों को समझने मे आसानी हो ॥
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