For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुंडलिया छंद - लक्ष्मण लडीवाला

बागी ठोके ताल यूँ, दल को देने चोट

टिकिट मिले दागी खड़े, किसको डाले वोट

किसको डाले वोट, नहीं कुछ समझ में आता

खूब जताए प्यार, निकाले  रिश्ता  नाता

कह लक्ष्मण कविराय, देख अब जनता जागी

दागी की हो हार, भले ही जीते बागी |

(२)

योगी भोगी तो नहीं, उसके मन में टीस,

सुनो अरज माँ शारदे,दो अपना आशीष 

दो आपना आशीष,यही है बस अभिलाषा 

भारत रहे अखंड, रहे न एक भी प्यासा  

कह लक्ष्मण कविराय, रहे सब यहाँ निरोगी

करो सभी का मान, मिले जब रमते योगी |

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 427

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 4, 2014 at 10:08am

छंद पर उत्साहित करती आपकी प्रतिक्रया पाकर बहुत संतोष मिला | आपका हार्दिक आभार आद. श्री सौरभ जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 3, 2014 at 4:31pm
वाह वाह ! बहुत सार्थक और स्पष्ट छंद रचना, आदणीय लक्ष्मण प्रसादजी.
अपने उद्येश्य में सफल इन कुण्डलिया छंदों के लिए बहुत-बहुत बधाई.


यह अवश्य है कुछ सुधीजन स तथा ष की तुकान्तता पर प्रश्न करेंगे. फिर भी आपका यह प्रयास समीचीन हुआ है.
सादर
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 31, 2014 at 3:58pm

हार्दिक आभार मित्र श्री विशाल चर्चित जी 

Comment by VISHAAL CHARCHCHIT on March 31, 2014 at 3:56pm

वाह - वाह..... सुन्दर कुंडलिया रचा सर जी !!!!

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 31, 2014 at 12:08pm

छंद पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री श्याम नारायण वर्मा जी 

Comment by Shyam Narain Verma on March 28, 2014 at 5:11pm
बहुत सुंदर भावपूर्ण कुण्डलिया है, आपको हार्दिक बधाई ...........................

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service