For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो मिल ही गयी.......

वो मिल ही गयी.......

जिंदगी के हर मोड़ पर
बरसों से मै उसे देख रहा था
और वो मुझे देखती रहती थी
वक्त ही ना मिला जो उससे पूछता
क्यूँ वो मेरा इंतज़ार कर रही थी
अब थक सा गया था
धीरे धीरे दोड रहा था
आज मुझे वो ज्यादा करीब लगी
पूछ ही लिया रुक कर
मुद्दतों से देख रहा हूँ
तुम यूँ ही खड़ी हो
क्यूँ मुझसे मिलने की जिद्द पर अड़ी हो
मुस्कुरा कर बोली बस
तुम्हारा ही इंतज़ार था
मेरी भी मज़बूरी है,
इसलिए कंही नहीं गयी हूँ मै
मेरे साथ भी कुछ वक़्त गुजार लो
मै कभी थकती नहीं
थकने वालों के लिए बनी हूँ मै...
मेरा नाम फुरसत है
तेरे लिए ही बनी हूँ मै ........पवन अम्बा ……
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 503

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by pawan amba on February 21, 2014 at 5:37am

बहुत बहुत आभार दिल से धन्यवाद  बृजेश नीरज जी 

Comment by pawan amba on February 21, 2014 at 5:36am

बहुत बहुत आभार  आपका  शिज्जु शकूर जी 

Comment by pawan amba on February 21, 2014 at 5:35am

दिल से धन्यवाद Sarita Bhatia जी 

Comment by pawan amba on February 21, 2014 at 5:33am

दिल से धन्यवाद   Shyam Narain Verma  जी 

Comment by pawan amba on February 21, 2014 at 5:31am

बहुत बहुत आभार  आपका  अनिल कुमार 'अलीन' जी 

Comment by बृजेश नीरज on February 19, 2014 at 11:45pm

बहुत बढ़िया! अच्छा लगा पढ़कर! आपको हार्दिक बधाई!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on February 18, 2014 at 8:49pm

बहुत बढिया

Comment by Sarita Bhatia on February 17, 2014 at 7:36pm

बहुत अच्छे 

Comment by अनिल कुमार 'अलीन' on February 17, 2014 at 6:02pm

अहा................................बहुत खूब................................लिखा है आपने फुर्सत को लेकर ......................

Comment by Shyam Narain Verma on February 17, 2014 at 5:47pm

मेरा नाम फुरसत है

 

क्या बात है ..... बहुत खूब ... बधाई आप को .....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
4 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
5 hours ago
Tilak Raj Kapoor updated their profile
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
5 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
5 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service