हुआ है आज क्या घर में हर इक सामान बिखरा है
उधर खुश्बू पड़ी है और इधर गुलदान बिखरा है /१
मुहब्बत क्या है ये जाना मगर जाना ये मरकर ही
लिपटकर वो कफ़न से किस तरह बेजान बिखरा है /२
यहीं मैं दफ्न हूँ आ और उठाकर देख ले मिट्टी
मेरी पहचान बिखरी है मेरा अरमान बिखरा है /३
मुझे रुस्वाइयों का गम नहीं गम है तो ये गम है
लबों पर बेजुबानों के तेरा एहसान बिखरा है /४
ग़ज़ल के वास्ते मैं फिर नई पोशाक लाया हूँ
अलग ये बात पुर्जों में मेरा दीवान बिखरा है /५
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अरकान : १२२२ १२२२ १२२२ १२२२
सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित
Comment
नवाजिश , करम , मेहरबानी अनिल कुमार 'अलीन' साहब ! शुक्रिया बहुत बहुत ! स्वागतम !
इबादत में है मेरी माँ , यहाँ की रौनकें देखो
मकां के गोशे गोशे में, कई भगवान बिखरे हैं /२...........बहुत खूब जनाब..........
परम आदरणीय Saurabh Pandey जी , चरण वंदन इस स्नेहिल व आत्मिक प्रतिक्रिया हेतु ! स्नेहाशीष देते रहिएगा ! कोटिशः आभार श्रीमान ! :)
भाईजी.. दिल खुश कर दिया आपने ! .. ढेर सारी दाद और हार्दिक बधाइयाँ ..
शुभ-शुभ
महोदया rajesh kumari जी , नतमस्तक हूँ ! कोटिशः चरण वंदन ! आपके सहज निश्चल स्नेह ने भाव विभोर कर दिया है , आपने तो ऋणी बना दिया हमें, अपने स्नेह से ! शीशनत हूँ आदरणीया ..शीशनत हूँ ! विनम्र अभिनंदन आपका ! सादर -सारथी !
इबादत में है मेरी माँ , यहाँ की रौनकें देखो
मकां के गोशे गोशे में, कई भगवान बिखरे हैं /---------लाजबाब मोती मणिक न्योछावर इस शेर पर
जहां मैं दफ्न था जाओ ,उठाकर देख लो मिट्टी
मेरी पहचान बिखरी है ,तेरे एहसान बिखरे हैं -----आह्ह्ह ये क्या लिख दिया ....दिल रो पड़ा
हर शेर दिल को चीर कर निकल रहा है यही इस ग़ज़ल की खासियत है ---ढेरों दाद कबूलिये सारथि जी ...शुभकामनायें
जनाब अरुन शर्मा 'अनन्त' साहब , आपके स्नेह से सचमुच प्रेरणा मिलती है ! कुछ और अच्छा करने /लिखने को आतुर हो जाता है मन ! बहुत मेहरबानी आपकी ! शुक्रिया बहुत बहुत ..साथ बने रहिएगा आदरणीय ! आकांक्षी :)
आदरणीय बृजेश नीरज जी , आपके शुभागमन से आनंदित हूँ ! स्नेहिल टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार आपका ! सादर प्रणाम !
भाई वाह वाह वाह एक एक शेअर पर दिल से भर भर के ढेरों ढेरों दाद सारथी भाई दिल लूट लिया आपने मुग्ध कर दिया. भाई मजा आ गया वाह वाह वाह क्या खूबसूरत चमचमाते हुए अशआर हैं सितारे जड़े हैं भाई मुकम्मल कामयाब हासिले ग़ज़ल.
अच्छी ग़ज़ल है भाई जी! आपको हार्दिक बधाई!
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