For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

समझा दो.....माँ !!!!

अभिनय कर तो लूँ

पर कच्ची हूँ

माँ पकड़ ही लेती है छुपाये गए

झूठे हाव भाव...

चुप रह कर सिर्फ सर हिला कर

उनकी बातों का जवाब देना

छत पर घंटों अकेले बिताना

रात भर जागना

और सुबह लाल आँखों से

माँ से कहना-

कुछ नहीं कल गर्मी बहुत थी

नींद नहीं आयी...

माँ ने भी कुछ न कह

बस पास बिठा कर कहा

चाय पियो आराम मिलेगा

वो तो समझ गयी...

काश मैं भी वो समझूं

जो वो मुझसे रोज़ न कहते हुए भी

अक्सर कह देती है

समझती हूँ माँ...

बस ये दिल नहीं समझता

इसे समझा दो.....माँ !!!!   

(मौलिक एव अप्रकाशित)

प्रियंका.......

Views: 546

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Priyanka singh on January 15, 2014 at 8:30pm

आदरणीय विजय सर ...बहुत बहुत शुक्रिया...

Comment by Priyanka singh on January 15, 2014 at 8:30pm

आदरणीय सौरभ सर ....आपकी नज़र मिली रचना को...ख़ुशी हुई ....बहुत बहुत धन्यवाद आपका ...

Comment by Priyanka singh on January 15, 2014 at 8:28pm

सारिका जी ..शुक्रिया ...

Comment by Priyanka singh on January 15, 2014 at 8:26pm

रचना की सराहना के लिए बहुत बहुत आभार जितेन्द्र सर…… 

Comment by Priyanka singh on January 15, 2014 at 8:22pm

आदरणीय कुँती मैम ...आपकी नज़र का बहुत बहुत आभार ...

Comment by Priyanka singh on January 15, 2014 at 8:03pm

आदरणीया विजय निकोर सर आपका बहुत बहुत आभार.....

Comment by Priyanka singh on January 15, 2014 at 8:01pm

हार्दिक धन्यवाद आदरणीय योगराज प्रभाकर सर ......

Comment by Priyanka singh on January 15, 2014 at 7:58pm

आदरणीय मीना जी रचना की पसंदगी का बहुत बहुत शुक्रिया। 

Comment by विजय मिश्र on January 15, 2014 at 4:22pm
बहुत सुंदर अभिव्यंजना ,साधुवाद प्रियंकाजी

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 15, 2014 at 12:50am

नयी उमर की नयी भावनाएँ .. अच्छी रचना हुई है.

बधाई व शुभकामनाएँ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी  इस सुन्दर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकारें"
22 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी इस सुन्दर गजल के लिए बधाई स्वीकार करें सभ्य जगत ही बढ़चढ़ उनको पूज रहाजो…"
30 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"मंगल फान्ट में कुछ समस्या है अतः मोबाइल और फिर फ़ाइल के माध्यम से संक्षिप्त टिप्पणी का प्रयास…"
39 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"एक बार फिर आओ कान्हा =================== एक बार फिर आओ कान्हा, लीला मधुर दिखाओ ना। छोड़ कन्हाई ब्रज…"
46 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी देश प्रेम में ओतप्रोत बहुत सुन्दर भावसंपन्न रचना के लिए बधाई स्वीकार…"
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी सादर अभिवादन  एक लंबे अर्से बाद आपको पटल पर देखकर बहुत अच्छ लगा। घर…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय प्रतिभा जी , आपने बचपन के दिनों की याद दिला दी , बहुत सुन्दर गीत रचना की है , बधाई आपको "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय चेतन भाई  अच्छी ग़ज़ल हुई है  , बधाई  आपको आख़िरी शेर की मात्रा कृपया …"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  लक्ष्मण  भाई मात्रिक  बहर में बढ़िया ग़ज़ल कही है , हार्दिक बधाई "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय सुरेश भाई , माँ  को समर्पित गीत रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई …"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण भाई "
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
" छुट्टी- छुट्टी _____ याद आ रहे हैं बचपन के,  दिन गर्मी  छुट्टी…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service