For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जाने कब तक (नवगीत)

जाने कब तक 
चले खेल सारा 
 
साँस के तार 
जब तक जुड़े है 
देह की ये 
पतंगे उड़े है 
 
है महज-
उँगलियों का इशारा   … 
जाने कब तक 
चले खेल सारा 
 
हमने देखा है 
अपना रवैया 
काम हो तो 
करें दादा-भैया 
 
ढंग जायज़ 
नहीं ये हमारा    .... 
जाने कब तक 
चले खेल सारा 
 
ये व्यवस्था का 
जोड़ो-घटाना 
गुणा -भाग का 
है तराना  
 
इसके आगे 
नहीं कोई चारा   .... 
जाने कब तक 
चले खेल सारा 
 
कर्म अच्छे 
अगर हम करेंगे 
बाद अपने भी 
जिन्दा रहेंगे 
 
रखें  पाक  
सत्संग की धारा 
जाने कब तक 
चले खेल सारा 
.
(अप्रकाशित-मौलिक रचना )
अविनाश बागड़े 

Views: 638

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AVINASH S BAGDE on January 24, 2014 at 2:10pm
 
आभार  भाई  ram shiromani pathakजी 
Comment by AVINASH S BAGDE on January 24, 2014 at 2:09pm
ह्रदय से आभार आदरणीय सौरभ जी 

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 14, 2014 at 11:18pm

जमा मगर खूब नहीं .. प्लीज ..

आपसे बहुत अच्छी की उम्मीद बन जाती है अब.

सादर

Comment by ram shiromani pathak on January 14, 2014 at 9:38pm

बहुत ही प्यार नवगीत आदरणीय अविनाश  जी। । हार्दिक बधाई आपको 

Comment by AVINASH S BAGDE on January 13, 2014 at 12:07am

बृजेश नीरज  जी बहुत बहुत आभार आपका  

Comment by AVINASH S BAGDE on January 13, 2014 at 12:07am

Sarita Bhatia ji...आभार आपका   !

Comment by AVINASH S BAGDE on January 13, 2014 at 12:06am

भाई arun kumar nigam  जी बहुत बहुत आभार आपका   

Comment by AVINASH S BAGDE on January 13, 2014 at 12:05am

आभारी हूँ  आदरणीया  coontee mukerji जी

Comment by AVINASH S BAGDE on January 13, 2014 at 12:04am

शुक्रिया आपकी हौसला अफ़ज़ाई काvandana mam

Comment by AVINASH S BAGDE on January 13, 2014 at 12:03am

कल्पना रामानी jiमेरी रचना को इस तरह से आपने सम्मान दिया /आभारी हूँ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
20 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
23 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service