For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जाओ तुम और दूर चले जाओ... 

जहां चाहो वहाँ चले जाओ 

मगर जी लो न मन भर 

एक बार मेरे साथ ....

मेरे ख्वाब...  मेरे ख्वाब ... मेरे ख्वाब ....

धीरे से जाना ... 

आहट भी न करना 

नींद न टूटने पाये मेरी 

काँच से नाजुक हैं ये ... 

मेरे ख्वाब .... मेरे ख्वाब ... मेरे ख्वाब .... 

कुछ तुम भी ले जाना 

बहुत हसीन हैं ये 

दुःख में हँसा देंगे ये 

मुझसे भी प्यारे हैं ये ...

मेरे ख्वाब .... मेरे ख्वाब .... मेरे ख्वाब .... 

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 502

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 27, 2013 at 10:33pm

ख्वाब कई बार हकीकत से बहुत प्यारे होते हैं.. 

 ख़्वाबों को संजो कर रखते हुए बहुत सुन्दर शब्दों में कहा है आपने 

दुःख में हँसा देंगे ये 

मुझसे भी प्यारे हैं ये ...

मेरे ख्वाब ....................बहुत दृढ़ विश्वास से कई पंक्तियाँ

 

जहां चाहो वहाँ चले जाओ 

मगर जी लो न मन भर 

एक बार मेरे साथ ...................मर्मस्पर्शी 

मेरे ख्वाब...

मुझे ये अभिव्यक्ति कथ्य व भाव के स्तर पर बहुत पसंद आयी.

हार्दिक बधाई 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 27, 2013 at 12:20am

भाई आमोद जी, इस मुलायम रचना के साथ आपका इस मंच पर स्वागत है.

गुलज़ार रचित किशोर दा का वह अमर गीत याद आ गया. .. फिर वही रात है.. !
आपकी कविता इस गीत के अंतरों की बरबस याद दिला देते है.
बहुत खूब !

Comment by coontee mukerji on December 24, 2013 at 10:41pm

सुंदर रचना के लिये हार्दिक बधाई.

Comment by annapurna bajpai on December 24, 2013 at 5:40pm

  सुंदर रचना बधाई आपको । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 23, 2013 at 4:04pm

बहुत सुन्दर , आदरणीय , हार्दिक बधाई ॥

Comment by Meena Pathak on December 23, 2013 at 12:07pm

मुझसे भी प्यारे हैं ये ...

मेरे ख्वाब .... मेरे ख्वाब .... मेरे ख्वाब .... ,,,,,, बहुत सुन्दर ख़्वाब , बधाई आप को आदरणीय 

Comment by AVINASH S BAGDE on December 23, 2013 at 11:41am

काँच से नाजुक हैं ये ... 

मेरे ख्वाब .... मेरे ख्वाब ... मेरे ख्वाब ....wah!..handle with care...

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 22, 2013 at 7:55pm

बेहतरीन है आपके ख्वाब  i

बधाई हो i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
1 hour ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
6 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service