For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!!! टूटते विश्वास को !!!! नवगीत !!!! ( गिरिराज भंडारी )

!!!! टूटते विश्वास को !!!! नवगीत !!!!

किस तरह से

मै बचा लूँ

टूटते विश्वास को

 

लोग कहते,

भूल जाऊँ

आँख मून्दे ,

कान रून्धे

चुप रहूँ मै , बस सहूँ मै,

इस मिले संत्रास को

 

जब नज़र में

हो उपेक्षा

और अच्छे

की अपेक्षा 

क्यों न मानूँ ,आज अन्दर,

से हुये आभास को

 

भूत की यादें

सुखद है

दिल मगर कब

मानता है

कब तलक मानूँ सहारा

हास को परिहास को

 

भूलना मुश्किल बहुत है

पर असम्भव

तो नही है

नेह झूठे, और झूठे

स्वप्न के आकाश को   

*****************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

Views: 668

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by coontee mukerji on November 29, 2013 at 4:14pm

बहुत सुंदर नवगीत.

जब नज़र में

हो उपेक्षा

और अच्छे

की अपेक्षा 

क्यों न मानूँ ,आज अन्दर,

से हुये आभास को.........साधुवाद.

सादर/कुंती

Comment by vandana on November 29, 2013 at 7:48am

जब नज़र में

हो उपेक्षा

और अच्छे

की अपेक्षा 

क्यों न मानूँ ,आज अन्दर,

से हुये आभास को

बहुत बढ़िया नवगीत आदरणीय गिरिराज  सर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 29, 2013 at 6:28am

आदरणीया अन्नपूरणा जी , नवगीत को आपका आशीर्वाद मिला , बहुत खुशी हुई !!!! आपका हृदय से आभार् !!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 29, 2013 at 6:26am

आदरनीय सन्दीप भाई , नव गीत को आपका अनुमोदन मिला , मेरी मेहनत सफल हुई !!!!! आपका हार्दिक आभार !!!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 29, 2013 at 6:24am

आदरणीया मीना जी , आपका दिल से शुक्रगुजार हूँ , प्रथम नव गीत की सराहना के लिये !!!!

Comment by annapurna bajpai on November 28, 2013 at 7:46pm

आ0 भण्डारी जी सुंदर नवगीत , सुंदर भाव , बधाई आपको । 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on November 28, 2013 at 7:33pm

वाह वाह सर जी

बेहतरीन गीत रचा है आपने सादर बधाई स्वीकार कीजिये

वाह वाह वाह

Comment by Meena Pathak on November 28, 2013 at 7:26pm

बहुत सुन्दर नवगीत | हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीय | सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 28, 2013 at 5:00pm

आदरणीय राजेश भाई , प्रथम नव गीत को स्वीकार करने के लिये आपका आभारी हूँ !!!!!!!

आपका कहना सही है , उपेक्षा एवं अपेक्षा दोनो गेयता भंग कर रहे हैं !!! मै प्रयास करूंगा !!! आपसे भी अनुरोध है अगर कुछ अच्छा सूझे तो बिना संकोच बतायें !!! आपका पुनः आभार !!!!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 28, 2013 at 4:56pm

आदरणीय श्याअम भाई , रचना की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ !!!!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
12 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
13 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service