For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पूर्वाग्रह (लघुकथा)

 पूर्वाग्रह


नेहा कॉलेज  से घर लौट रही थी.रास्ते में  उसकी सहेली रश्मि मिल गई .रश्मि  का घर नजदीक ही था .उसने नेहा को थोड़ी देर गप -शप करने और चाय पीकर जाने का आग्रह किया..नेहा ने बात मान ली .बातों ही बातों में नेहा ने कहा .रश्मि आजकल  ``मैं बड़ी परेशान हूँ .कुछ दिनों के लिए मेरी सास आने वाली हैं ...वही ताने ..उलाहने ..अपने ज़माने की बातों से हमारी तुलना ..सच
बड़ी आफत है ...क्या करूँ?``रश्मि बोली .".देख नेहा बुरा मत मानना ....मैं भी तेरी तरह हूँ नए ज़माने की ही ..पर शायद दोनों की सोच में फर्क आ गया है ......जिस पति के साथ तेरा सुखमय जीवन बीत रहा है उसी की माँ के आने में
तुझे आफत क्यों दिखाई दे रही है ....अधिक तो नहीं पर एक बात सोच ....उनकी जगह अपने को रख .....कल तेरे बेटे की पत्नी का यही रुख होगा तो ?या सोच तेरी भाभी भी तेरी माँ के लिए ऐसा ही कहे तो ...कैसा लगेगा तुझे ..?
"
नेहा चुप रह गयी .घर लौटने तक उसकी विचार धारा पलट गयी .सच माँ तो माँ ही होती है .उसके पति की माँ है उसे  भी उतना ही -सम्मान देना चाहिए जितना वह अपनी माँ को देती है  .क्यों हम लोग पहले से ही इस पूर्वाग्रह से ग्रसित हो जाती हैं कि सास बुरी ही होगी ?घर पहुँचने तक उसके सारे अवसाद दूर  हो चुके थे .वह बच्चों के साथ उनकी दादी माँ के आने की
तैयारी में जुट गई .

अप्रकाशित एवं मौलिक लघुकथा
ज्योतिर्मयी पन्त

Views: 811

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shubhranshu Pandey on November 1, 2013 at 10:05am

आ. ज्योतिर्मयी जी, 

नेहा ने अपने पति के सास की तरह ही अपनी सास के लिये तैयारी करनी शुरु कर दी. सुन्दर कथा. 

सादर.

Comment by savitamishra on October 30, 2013 at 7:28pm

prenadayak..:)

Comment by Jyotirmai Pant on October 30, 2013 at 4:53pm

आपका बहुत -बहुत आभार सरिता भाटिया जी .

Comment by Jyotirmai Pant on October 30, 2013 at 4:52pm

सुशील जोशी जी लघुकथा पसंद करने हेतु आपका ह्रदय से आभार .

Comment by Jyotirmai Pant on October 30, 2013 at 4:50pm

विजय मिश्र जी आपका हार्दिक आभार .

Comment by Jyotirmai Pant on October 30, 2013 at 4:48pm

अन्नपूर्णा बाजपेयी जी हार्दिक आभार .

 

Comment by Jyotirmai Pant on October 30, 2013 at 4:47pm

विशाल चर्चित जी समय देने और पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार .

Comment by Jyotirmai Pant on October 30, 2013 at 4:46pm

डा.आशुतोष बाजपेयी जी कहानी पसंद आई लेखन को सार्थकता मिली हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ .

Comment by Jyotirmai Pant on October 30, 2013 at 4:45pm

आपका हार्दिक आभार लक्ष्मण प्रसाद लाडीवाला जी .

 

Comment by Jyotirmai Pant on October 30, 2013 at 4:41pm

हार्दिक आभार मीना जी .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
14 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​आपकी टिप्पणी एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service