चाँद जो आया
रात के आँगन में
तारे चमके
चांदनी की गोद में
ठंडी सी हवा
मन को लहराए
ख्वाबो के साये
नींदों को हैं जगाये
सोच रही हूँ
ख़ामोशी इतनी क्यों
मीठी सी लागे
जो गीत धरा गाये
रात गुदगुदाए .........सविता अगरवाल
Comment
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आभार आपका...
चोका विधान पर बेहतर चर्चा.. .
हार्दिक धन्यवाद, भाई अरुन अनन्त जी
आदरणीय सविताजी, रचना के लिए हार्दिक धन्यवाद.
आदरणीया मुझे इसका नियम कुछ इस प्रकार से ज्ञात है. कृपया आप भी देख लें.
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु ' ; डॉ . हरदीप कौर सन्धु
सविता जी चोका विधा की रचना के साथ ओ बी ओ परिवार मे पदार्पण के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें ।
आदरणीया सविता जी , सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये बधाई !!!!! चोका विधा से परिचय कराने के लिये आपका शुक्रिया !!!
आदरणीया सविता जी ओ बी ओ परिवार में आपका स्वागत है, आपकी रचना का भाव बहुत सुन्दर लगा मुझे, चोका का नियम जो मुझे ज्ञात है शायद ऐसा होता है आपकी रचना इस नियम पर नहीं कृपया अवगत करायें. हो सकता मैं नियम से अनभिज्ञ हूँ. खैर इस प्रसतुति पर बधाई स्वीकारें.
5+7+5+7+5+7+5+7+5+7+5+7+5+7+5+7+5+7+5+7
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online