For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल :- चार पैसा उसे हुआ क्या है

 

ग़ज़ल :- चार पैसा उसे हुआ क्या है

 

चार पैसा उसे हुआ क्या है

पूछता फिर रहा खुदा क्या है |

 

हर जगह तो यही करप्शन है

रोग बढ़ता गया दवा क्या है |

 

तुम ही रक्खो ये नारे वादे सब

पांच वर्षों का झुनझुना क्या है |

 

तेरे जाने पर अब ये जाना माँ

बद्दुआ क्या है और दुआ क्या है |

 

हम मलंगों से पूछकर देखो

सच के व्यापार में नफा क्या है |

 

और बढ़ जाती है व्यथा मेरी

जब कोई पूछता कथा क्या है |

 

वक्त रुकता कहाँ किसी के लिये

दुश्मनी ही सही जता क्या है |

 

ज़िंदगी मौत का साया है तू

साथ जितना भी है निभा क्या है |

 

अब तो मंदिर भी लूटे जाते हैं

याचना से यहाँ मिला क्या है |

 

 

Views: 641

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on January 21, 2011 at 12:44pm
आशीष जी आप परीक्षा से खाली हुए उम्मीद और विश्वास है आपकी पढाई उन्नति की ओर अग्रसर है , आपकी साहित्यिक अभिरुचि प्रशंसनीय है , टिप्पणी का शुक्रिया !!!
Comment by आशीष यादव on January 20, 2011 at 11:18am

तुम ही रक्खो ये नारे वादे सब

पांच वर्षों का झुनझुना क्या है |

 

तेरे जाने पर अब ये जाना माँ

बद्दुआ क्या है और दुआ क्या है |

'अभिनव' सर सच में  आपको पढ़ कर मजा आ जाता है| आप की लगभग सारी कृतियाँ जो यहाँ पोस्ट होती है मै पढता हूँ| ये ग़ज़ल भी बहुत पसंद आई मुझे|

Comment by Abhinav Arun on January 12, 2011 at 4:26pm
श्री वीरेंद्र जी बहुत बहुत धन्यवाद आपकी राय के लिये |स्नेह बनाये रखिये ..|
Comment by Abhinav Arun on January 12, 2011 at 4:19pm
शुक्रिया ताहिर भाई !! अभारी हूँ आपके शब्द हौसला देतें हैं |
Comment by विवेक मिश्र on January 11, 2011 at 11:36pm

तेरे जाने पर अब ये जाना माँ

बद्दुआ क्या है और दुआ क्या है |/

हम मलंगों से पूछकर देखो

सच के व्यापार में नफा क्या है |/

main aapki ghazalon ka niymit paathak hoon. haan, kuchh vyastataayein rahti hain, jinke kaaran comments rah jaate hain. sach kaein, aapko padhne ka hamesha apna alag hi anubhav hota hai. hamesha ki hi tarah ek umda ghazal. upar ke dono sher dil ke kareeb maaloom hue. haardik badhai.

Comment by Veerendra Jain on January 11, 2011 at 12:18pm

Arun ji...bahut hi shandaar gazal...saare sher lajawab hain..bahut bahut badhai...

Comment by Abhinav Arun on January 9, 2011 at 9:43am

भाई मोईन जी आपकी सलाह पर ये दो शेर आप्कने नाम -

'हुई मुद्दत ये जान पाया नहीं

नाम क्या है मेरा पता क्या है |

 

सोचता हूँ खुदा कहूँगा क्या

जब तू पूछेगा कि रजा क्या है |'

Comment by Abhinav Arun on January 9, 2011 at 7:15am
भास्कर जी और मोईन जी आभार !!! मोईन जी आपके सुझाव पर अमल करता हूँ (कुछ शेर और जोड़ने का प्रयास )सलाह अच्छी है और आपका पुनः धन्यवाद |
Comment by Bhasker Agrawal on January 8, 2011 at 11:57pm
बहुत सुन्दर अरुण जी मजा आ गया
Comment by moin shamsi on January 8, 2011 at 7:50pm
bahut khoob Abhinav ji. agar do ash'aar aur jod den aur aakhiri sher ko makhta bana den to aur bhi nikhar jaayegi ye ghazal.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आप हमेशा वहीँ ऊँगली रखते हैं जहाँ मैं आपसे अपेक्षा करता हूँ.ग़ज़ल तक आने, पढने और…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..बधाई स्वीकार करें ..सही को मैं तो सही लेना और पढना…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी साहिब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, हार्दिक आभार, मेरा लहजा ग़जलों वाला है, इसके अतिरिक्त मैं दौहा ही ठीक-ठाक पढ़ लिख…"
8 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service