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कुछ दोहे !

1.बीता हिन्दी दिवस भी, मना लिए सब जश्न!
   न्याय लेख भी हो हिंदी, कौन करेगा प्रश्न!
2.नियम सरलता से बने, सब कुछ हो स्पष्ट
   तर्क कुतर्क न बन जाय, बने वकील न भ्रष्ट.
3.मूल्य कर्म अनुरूप हो, हो न कोइ कंगाल.
   दोउ हाथ दो पैर सम, अलग क्यों हो भाल!
4.मिहनत से धन आत है, बिन मिहनत धन जात.
   मिहनत कर ले रे मना, काहे नहीं बुझात!
5.अहंकार को त्याग कर, करिए सदा सत्कर्म,
   सोने की लंका गयी, बूझ न रावण मर्म.
6.नारी को सम्मान कर, नारी शक्ति महान
   नारी के अपमान से, जगत नहीं अनजान!
  -जवाहर लाल सिंह
  ( मौलिक व अप्रकाशित )

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Comment by JAWAHAR LAL SINGH on September 20, 2013 at 12:22pm

आदरणीय भ्रमर जी, सादर अभिवादन!

आपका आशीर्वाद आवश्यक है बड़े भाई! आप तो मेरे प्रेरणास्रोत है! बहु बहुत आभार!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on September 20, 2013 at 12:20pm

आदरणीय राम शिरोमणि जी, सादर अभिवादन!

कोशिश जारी रहेगी, आपलोगों का मार्गदर्शन अपेक्षित है! सादर 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on September 20, 2013 at 12:19pm

आदरणीया विजयश्री जी, सादर अभिवादन!

उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on September 20, 2013 at 12:17pm

आदरणीय जितेन्द्र जी, सादर अभिवादन!

उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार!

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on September 18, 2013 at 7:36pm

मूल्य कर्म अनुरूप हो, हो न कोइ कंगाल.
   दोउ हाथ दो पैर सम, अलग भला क्यों  भाल!

नारी को सम्मान कर, नारी शक्ति महान
   नारी के अपमान से, जगत नहीं अनजान! 

प्रिय जवाहर भाई एक से बढ़ कर एक दोहे सीख देने वाले ...

आभार
भ्रमर ५

Comment by ram shiromani pathak on September 18, 2013 at 7:33pm

आदरणीय जवाहर जी,सुंदर दोहावली//ये दोहे और भी सशक्त हो सकते है,पढेंगे तो आप स्वयं सुधर कर लेंगें  ,आप सक्षम भी है ///सादर 

Comment by vijayashree on September 18, 2013 at 12:42pm

 सुंदर दोहावली बधाई स्वीकारें जवाहर जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 16, 2013 at 11:54pm

बहुत सुंदर दोहावली, बहुत बहुत बधाई आदरणीय जवाहर जी

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on September 16, 2013 at 7:29pm

आदरणीय परवीन जी प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on September 16, 2013 at 7:29pm

आदरणीय श्री गिरी राज जी, सादर अभिवादन!

आपके सुझाव पर अमल करने का पुन: कोशिश करूंगा. दरअसल इस मंच से मैं सुधार और सुझाव की ही आशा रखता हूँ.

कृपया ध्यान दे...

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