For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघु कथा - शोषण

"दस हजार रूपये की व्यवस्था कर ले रमेश, मुझे मेरे बच्चो को स्कूल ड्रेस और किताबें दिलानी है"

 किशन ने लापरवाही से अपने छोटे भाई रमेश को दवाब देते हुए बोला.

पिछले बड़े कर्जे से अभी अभी निपटा रमेश, अपने साले  द्वारा भी की गयी रुपयों की मांग को लेकर परेशान होते हुये बोला "हाँ, ठीक है, मै मालिक से बात करता हूँ." अपने दोस्त लखन के साथ रमेश मालिक के पास पैसे मांगने गया.

मालिक युगल ने अचरज करते हुए पूछा " अरे! तुझे इतनी बड़ी रकम की जरुरत पड गयी? तू अभी तो कर्जे से निपटा है,"

परेशान रमेश चुप ही रहा|

तभी तपाक से लखन बोला "भैया! ये जरूरत इसकी अपनी नही, इसका सीधा स्वभाव देख कर, इसका भाई और साला इससे रूपये ऐठने के चक्कर में है| इसकी घरवाली इससे रोज लडती है की"अगर तूने थारा भाई का पैसा दियाच तो म्हारा भाई का भी दीजो, नि तो थारी रोटी तू ही ब्नाजो" इस लिए बेचारा दोनों के लिए आपसे पैसा मांग रहा है|

लखन अपनी राम कहानी आगे सुनाता हुआ बोला " भैया! जब पिछली बार मैंने अपने भाई और साले को अपनी जमानत पर  कर्जा दिलवाया था , लेकिन जब मै एक महीने तक बीमार पड़ा रहा तो अपने भाई के लिए मुझसे लड़ाई करने वाली मेरी लुगाई का न तो भाई आया न मेरा भाई, और तो और मेरी लुगाई को ही दुधमुहे  बच्चे को लेकर मजूरी पे जाना पड़ा था|

रमेश चुप ही रहा लेकिन लखन से ये "सच" जान के मन ही मन एक निर्णय ले चुका था, जिसे सुने बिना ही लखन और युगल साफ़ साफ समझ पा रहे थे|                    

                                                                                                   -जितेन्द्र 'गीत' 

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 522

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 18, 2013 at 9:49pm

"सच कहा आपने आदरणीया..प्रज्ञा जी, रचना को सराहने के लिए..बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 18, 2013 at 5:54pm

आपका बहुत बहुत आभार....आदरणीय..बृजेश जी.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 18, 2013 at 5:53pm

सही कहा आपने आदरणीया कुंती जी! 

आज के समय में इंसान का जीवन चिन्ताओ से शुरू होकर, चिन्ताओ में ही ख़त्म हो जाता है ...आपने रचना को सराहा, बहुत बहुत धन्यवाद

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 18, 2013 at 5:45pm

आदरणीया  ..गीतिका जी, आपने रचना पर दृष्टि डाली , रचना के सकारात्मकता होने को स्पष्ट किया ! आपका बहुत बहुत शुक्रिया...मुझे मार्गदर्शन देकर , लेखनकर्म में उत्साह बर्धन करते रहियेगा

Comment by Pragya Srivastava on July 18, 2013 at 5:43pm

इंसान के सीधे पन को लोग उसकी कमजोरी मान लेते हैं

                         जीत जी आपको इस कथा लेखन पर बधाई

Comment by बृजेश नीरज on July 18, 2013 at 3:37pm

इस कथा पर आपको हार्दिक बधाई!

Comment by coontee mukerji on July 18, 2013 at 1:15pm

इंसान को कब ऐसे जीवन से छुटकारा मिले ...न घर में चैन न बाहर...जैसे एक चक्र्व्यूह में फँसा.....कभी नमक तेल की चिंता  तो कर्ज की भुगतान.

जीत जी, आपने समाज का एक  बहुत ही कड़वी पहलू पर अपने कलम की नोक रखी है.

सादर

कुंती

Comment by वेदिका on July 18, 2013 at 12:51pm

बहुत ही विचारशील घटना आपने साझा की हमसे| और सकारात्मकता से कथा को अंत किया|

आपके लेखन कर्म में उत्साह से संलग्न होने पर आपको शत शत शुभकामनाये!!

आदरणीय जीत जी!!  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"पानी भी अब प्यास से, बन बैठा अनजान।आज गले में फंस गया, जैसे रेगिस्तान।।......वाह ! वाह ! सच है…"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर  आ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर .....वाह…"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूरज की तपन…"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहों पर दोहे लिखे, दिया सृजन को मान। रचना की मिथिलेश जी, खूब बढ़ाई शान।। आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी…"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत दोहे चित्र के मर्म को छू सके जानकर प्रसन्नता…"
16 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई शिज्जु शकूर जी सादर,  प्रस्तुत दोहावली पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय…"
16 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आर्ष ऋषि का विशेषण है. कृपया इसका संदर्भ स्पष्ट कीजिएगा. .. जी !  आयुर्वेद में पानी पीने का…"
16 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत दोहों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service