For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तीन मुक्तक - लक्ष्मण लडीवाला

मुक्तक 
एकाकीपन सांझ का, चंचल मन भटकाय
इस पड़ाव पर उम्र के,बनता कौन सहाय 
सुन्दर हर पल वह घडी,अनुपम सा उपहार 
साँस साँस की हर लड़ी,मुग्ध मुझे करजाय |

(2)
 
बिगड़ न जावे और ये, जीवन के हालात 
वर्षा जल भूजल करे, तभी बनेगी बात |
हरियाली वसुधा रहे, नदियों में जलधार,
पनघट प्यासे हो रहे,सुन मेरी यह बात |
 
(३)

नारी तू अबला नहीं, पूरे कर अरमान 
दोषी से कर सामना, अपनी ताकत जान 
रानी लक्ष्मी रूप को, एक बार कर याद 
माँ दुर्गा सी शक्ति को, अपने में पहचान | 
(मौलिक व् अप्रकाशित)

-लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला

Views: 657

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 2, 2013 at 7:15pm

मुक्तक सुन्दर बता कर मान देने के लिए हार्दिक आभार डॉ प्राची सिंह जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 2, 2013 at 10:02am

मुक्तक पसंद कर प्रशंसा करने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरनीय श्री विजय निकोरे जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 2, 2013 at 10:00am

मुक्तक की सराहना करने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री रविकर जी,श्री राम शिरोमणि पाठक जी, और श्री देवेन्द्र पाण्डेय जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 2, 2013 at 7:42am

तीनों ही मुक्तक सुन्दर हुए है आ० लक्ष्मण प्रसाद जी \

शुभकामनाएं 

Comment by vijay nikore on July 2, 2013 at 5:26am

आदरणीय लक्ष्मण जी:

 

//सुन्दर हर पल वह घडी,अनुपम सा उपहार 
साँस साँस की हर लड़ी,मुग्ध मुझे कर जाय |//

 

सुन्दर भावाभिव्यक्ति के लिए बधाई।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by रविकर on July 1, 2013 at 7:34pm

बढ़िया है आदरणीय-`

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 1, 2013 at 7:32pm

आपकी टिपण्णी से लगा- नारी शक्ति का अहसास कराने में मेरा प्रयास सफल हुआ | आपका हार्दिक आभार

आदरणीया गीतिका "वेदिका" जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 1, 2013 at 7:30pm

मुक्तक की सराहना कर मनोबल बढाने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री अरुण शर्मा "अनंत" जी |

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 1, 2013 at 7:28pm

मुक्तक पसंद करने के लिए हार्दिक आभार श्री बसंत नेमा जी एवं श्री विजय मिस्त्र जी | 

Comment by ram shiromani pathak on July 1, 2013 at 7:27pm

बहुत  सुन्दर आदरणीय हार्दिक बधाई///////

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service