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!! भजन !!

जब चारो ओर अन्धेरा हो ।

और पास मे न कोई मेरा हो ।

तुम देना मेरा साथ ।। ओ दीनो के दीना नाथ ॥ तुम देना मेरा साथ ।

ये दुनिया है एक छ्लावा ।

सत्य नही कोई तेरे अलावा ।

तुम ही दिन और रात ।। ओ दीनो के दीना नाथ ॥ तुम देना मेरा साथ ।

ये रिश्ते नाते है सब झूठे

सब छुटॆ चाहे सब रुठे ।

तुम छोडना ना मेरा साथ  ।। ओ दीनो के दीना नाथ ॥ तुम देना मेरा साथ ।

ये जग है दौलत का पुजारी।  

मै सेवक तेरा एक भिखारी ।

मेरे खाली है दोनो हाथ  ।।  ओ दीनो के दीना नाथ ॥ तुम देना मेरा साथ ।

जब भव-सागर मै तर न पाउ ।

बीच भंवर मे मै फँस जाउ ।

तुम थामना मेरा हाथ ॥ ओ दीनो के दीना नाथ ॥ तुम देना मेरा साथ ।

प्रभु मुझको इतना सा वर देना ।

अपनी अनमिट भक्ति देना 

प्राण निकले तेरे चरणो के पास ।। ओ दीनो के दीना नाथ ॥ तुम देना मेरा साथ ।

जब चारो ओर अन्धेरा हो ।

और पास मे न कोई मेरा हो ।

तुम देना मेरा साथ ।। ओ दीनो के दीना नाथ ॥ तुम देना मेरा साथ ।

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 750

Comment

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Comment by बसंत नेमा on June 17, 2013 at 10:30am

आ0 माथुर सर एव जवाहर सर आप प्रार्थना मे शामिल हुये ..उसके लिये बहुत बहुत आभार साधन्यवाद 

Comment by बसंत नेमा on June 17, 2013 at 10:30am

आ0 कुंती जी आप प्रार्थना मे शामिल हुये ..उसके लिये बहुत बहुत आभार साधन्यवाद

Comment by बसंत नेमा on June 17, 2013 at 10:30am

आ0 विजय श्री जी आप प्रार्थना मे शामिल हुये ..उसके लिये बहुत बहुत आभार साधन्यवाद

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 16, 2013 at 6:39am

जब चारो ओर अन्धेरा हो ।

और पास मे न कोई मेरा हो ।

तुम देना मेरा साथ ।। ओ दीनो के दीना नाथ ॥ तुम देना मेरा साथ ।

सुंदर भजन!

Comment by D P Mathur on June 15, 2013 at 7:21pm

भावनाओं से ओतप्रोत भजन के लिए आपको धन्यवाद !

Comment by coontee mukerji on June 15, 2013 at 7:08pm

बहुत ही सुन्दर  भक्तिभाव से पूर्ण रचना ./ सादर / कुंती .

Comment by vijayashree on June 15, 2013 at 5:54pm

ओ दीनों के दीनानाथ , तुम देना मेरा साथ

 

भावनापूर्ण भजन / हार्दिक बधाई

Comment by बसंत नेमा on June 15, 2013 at 4:00pm

आ0 केवल जी , आ0 जितेन्द्र जी  आप प्रार्थना मे शामिल हुये ..उसके लिये बहुत बहुत आभार साधन्यवाद

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 15, 2013 at 8:46am

आ0 बसन्त नेमा जी,  सुन्दर प्रार्थना, बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 15, 2013 at 7:53am
आदरणीय..बसंत जी, बहुत सुंदर भावनाओं से पूर्ण भजन प्रस्तुत किया आपने...हार्दिक शुभकामनाऐं स्वीकार कीजीऐ..

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