For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जय हो भारत , बस जग में |

छोड़ पाप मन का , सत पथ पर चल  , लफडा करना , अब छोडो  |
तज काम क्रोध को , छोड़ लोभ मद  , हरी भजन में  , मन जोड़ो |
लोग शिक्षा पायें , ज्ञान कमायें , प्रेम बढायें , हर जन में |
जहाँ लोग देखें , खुश हो जायें , बस ऐसे बन  , हर मन में | 
है मायावी जग  , कहते हैं सब . तू देख बदल , सब ही को | 
आगे चल सब के , सत पथ पकड़ो , सब गुरु मान लें , बस तुम को |
समाज सुधार दो , कुरीती मिटा ,  लोग ज्ञान लें , तुम ही से |  
प्रकाश फैला दो , मिटा अन्धेरा , लोग सुधरें ,  तुम ही से | 
खुश हों जग वाले , दुःख ना रहे , हर द्वेष मिटे , घर घर  में |
उदासी ना रहे , चहल पहल हो , प्रेम भाव हो , जन जन में |
रोयें ना अबला , भाई चारा हो , आयें जायें , हर घर में |
चोरी भी ना हो , ना बलजोरी , सब मिल खायें , घर वन में |  , 
असत मिटे जग से , हर तन मन से , अब खुशी रहे , जन जन में |
झरना सा निर्मल , सबका तन हो , प्रेम भाव हो , हर मन में |
मिल  भाई भाई , करें सब काम , राम नाम हो , बस मन में |
वर्मा खुशी रहे , घर या वन हो , जय हो भारत , बस जग  में |
श्याम नारायण वर्मा 

Views: 474

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 26, 2013 at 4:07pm

सुन्दर भाव सुसज्जित रचना 

जय हो 

सादर 

जय हो 

आदरणीय वर्मा जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 26, 2013 at 10:07am

आ० श्याम नारायण वर्मा जी 

देश प्रेम और समाज सुधार के सुन्दर भाव, जिस हेतु बधाई.

पर अभिव्यक्ति में प्रवाह बिलकुल बाधित है..आप पुनः अवलोकन करें. सादर. 

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 26, 2013 at 7:46am

आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सादर, भारत देश की जय हो, सुन्दर कामना करती रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकारें.

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 25, 2013 at 9:51am

आ0  श्याम नारायण जी,   बहुत ही सुन्दर और नेक कामना।  बहुत बहुत बधाई स्वीकारें।  सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​आपकी टिप्पणी एवं प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तमाम जी, हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति , स्नेह और मार्गदर्शन के लिए आभार। मतले पर आपका…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, आपकी टिप्पणी एवं मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार। सुधार का प्रयास करुंगा।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। आ. भाई तिलकराज जी के सुझाव से यह और निखर गयी है।…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service