निशानेबाजी में देश भर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके अभिनव बिंद्रा के नक्शे कदम पर जिले के पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक मनीष राजपूत भी है, जिसने हाल ही में माना में आयोजित स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप में एक स्वर्ण व एक कांस्य पदक हासिल किया है। राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में इस जवान को अब तक 18 पदक मिल चुके हैं।
पुलिस लाइन जांजगीर में पदस्थ आरक्षक मनीष राजपूत की पहचान एक अच्छे निशानेबाज के रूप में है। इस जवान ने 29 अक्टूबर से 3 नवंबर तक माना रेंज में पुलिस अकादमी व जिंदल स्टील पाॅवर लिमिटेड रायगढ़ द्वारा आयोजित स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप में शामिल प्रदेश भर के 300 से भी अधिक निशानेबाजों को पछाड़कर एक स्वर्ण व एक कांस्य पदक हासिल किया है। चार दिवसीय स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप में पुलिस विभाग की ओर से सफलता हासिल करने वाले आरक्षक मनीष ने बताया कि प्रतियोगिता के पहले दिन प्रेक्टिस कराया गया, जिसमें उसे 10 राउण्ड के लिए समय दिया गया। दूसरे दिन सभी प्रतिभागियों को बारी-बारी निशानेबाजी का मौका दिया गया, जिसमें अधिकांश प्रतिभागी असफल होकर प्रतियोगिता से बाहर हो गए। तीसरे व चैथे दिन फाइनल प्रतियोगिता हुई, जिसमें पुलिस व सिविल के 11 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, लेकिन स्वर्ण पदक प्राप्त करने का गौरव आरक्षक मनीष ने प्राप्त किया। आरक्षक मनीष ने बताया कि इस प्रतियोगिता में राइफल दुरूस्त नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी हुई, लेकिन जीत को लक्ष्य मानकर उसने अपना प्रदर्शन किया। चैम्पियनशिप के समापन के मौके पर प्रदेश के डीजीपी विश्वरंजन ने उसे एक स्वर्ण व एक कांस्य पदक प्रदान कर सम्मानित किया। आरक्षक मनीष ने बताया कि एनसीसी कैम्प से प्रारंभ हुई निशानेबाजी का अभ्यास अब तक लगातार जारी है। यहीं वजह है कि मनीष ने विभिन्न राज्यों में आयोजित राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में अचूक निशाना लगाकर चार स्वर्ण, 6 रजत व 8 कांस्य हासिल करते हुए कीर्तिमान रचा है।
राष्ट्रीय स्पर्धा में मिला मौका
स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण व कांस्य पदक प्राप्त करने के बाद ग्राउण्ड से ही आरक्षक मनीष का चयन आगामी 3 जनवरी को तमिलनाडु में आयोजित आॅल इंडिया शूटिंग चैम्पियनशिप के लिए हुआ है। इस प्रतियोगिता में पुलिस विभाग की ओर से गठित प्रदेश स्तरीय टीम में शामिल होकर आरक्षक मनीष अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में उसकी भागीदारी तय होने से न केवल जिले बल्कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए भी बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
घर से मिल रहा प्रोत्साहन
निशानेबाजी में कीर्तिमान रचने वाले मनीष बताते हैं कि जीवन के हर पल में उसे अपनों का प्रोत्साहन व सहयोग मिलता रहा है। उनके पिता डाॅ व्हीपी राजपूत ने उसे हमेशा प्रोत्साहित किया। वहीं पुलिस विभाग में ही प्लाटून कमान्डर के पद पर कार्यरत् उनके चाचा मनोज राजपूत व राजनांदगांव में आरक्षक के पद पर पदस्थ बड़े भाई राजेश राजपूत ने शूटिंग की बारीकियां सिखाई।
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