For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो यारों का कोई किस्सा पुराना ढूँढ लेता है "ग़ज़ल"

इक ताज़ा ग़ज़ल पेशेखिदमत है आपके जानिब

 

वो यारों का कोई किस्सा पुराना ढूँढ लेता है

ग़मों में मुस्कुराने का बहाना ढूँढ लेता है

 

फकीरो पीर पैगम्बर खुदा क्या आदमी है क्या  

बुराई हर किसी में ये ज़माना ढूँढ लेता है

 

मुसलसल चोट खाता है मगर आशिक है क्या कीजे

मुहब्बत करने को मौसम सुहाना ढूँढ लेता है

 

बुरी आदत है उसकी एक का दो चार करने की

पडोसी पर नज़र रख के फ़साना ढूँढ लेता है

 

अहम् झूठा नहीं करता गिला शिकवा नहीं करता

सभी के दिल में वो अपना ठिकाना ढूँढ लेता है

 

उसे क्या देखते हो तुम हिकारत भर के आँखों में  

ये वो बच्चा है जो कूड़े में खाना ढूँढ लेता है

 

उजालों ने कभी उस दीप की कीमत नहीं जानी

जो खुद जलने अँधेरों का खजाना ढूँढ लेता है 

 

संदीप पटेल “दीप”

Views: 832

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 10, 2013 at 5:42pm

आदरणीय अजय सर जी सादर प्रणाम

ग़ज़ल को पसंद कर हौसलाफजाई के लिए आभार

स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 10, 2013 at 5:40pm

आदरणीय श्यामनारायण सर जी सादर प्रणाम

ग़ज़ल को सराहने हेतु आभार आपका स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 10, 2013 at 5:40pm

आदरणीय लक्षमण सर जी सादर प्रणाम

आपकी हौसलाफजाई और मुहब्बतों के लिए आभार

स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 10, 2013 at 5:39pm

आदरणीया प्रवीण जी सादर प्रणाम

इस सराहना हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रिया

स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 10, 2013 at 5:38pm

आदरणीय विजय जी सादर प्रणाम

इस हौसलाफजाई के लिए आपका बहुत बहुत आभार

स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 10, 2013 at 5:37pm

आदरणीय राम भाई सादर

ग़ज़ल को सराहने हेतु बहुत बहुत आभार आपका स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 10, 2013 at 8:35am

इंसानी फितरत को हवा देती सुन्दर गजल आदरणीय भाई संदीप जी बहुत बहुत दाद कुबूल फरमाइए.

Comment by Savitri Rathore on April 9, 2013 at 5:07pm

फकीरो पीर पैगम्बर खुदा क्या आदमी है क्या  

बुराई हर किसी में ये ज़माना ढूँढ लेता है

 वाह ...... संदीप जी,क्या ग़ज़ल कही है ......हर पंक्ति एक  से एक बढ़कर है ...........बहुत बढ़िया।

Comment by Tilak Raj Kapoor on April 9, 2013 at 12:16am

फकीरो पीर पैगम्बर खुदा क्या आदमी है क्या  

बुराई हर किसी में ये ज़माना ढूँढ लेता है

बहुत दमदार ग़ज़ल कही है भाई। 

Comment by Meena Pathak on April 8, 2013 at 7:39pm

फकीरो पीर पैगम्बर खुदा क्या आदमी है क्या  

बुराई हर किसी में ये ज़माना ढूँढ लेता है...... सच है ... बधाई स्वीकारें 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए आभार। कुछ सुधार किया है…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आ. भाई वृजेश जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। मतले में यदि उन्हें सम्बोधित कर रहे हैं…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , पूरी ग़ज़ल बहुत खूबसूरत हुई है , हार्दिक बधाई स्वीकार करें मतले के उला में मुझे भी…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और विस्तार से सुझाव के लिए आभार। इंगित…"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आ. बृजेश ब्रज जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है. बधाई स्वीकार करें.मतले के ऊला में ये सर्द रात, हवाएं…"
6 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'

बह्र-ए-मुजतस मुसमन मख़बून महज़ूफमुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन1212  1122  1212  112/22ये सर्द…See More
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपके सकारात्मक प्रयास के लिए हार्दिक बधाई  आपकी इस प्रस्तुति पर कुछेक…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपने, आदरणीय, मेरे उपर्युक्त कहे को देखा तो है, किंतु पूरी तरह से पढ़ा नहीं है। आप उसे धारे-धीरे…"
22 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service