For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओ बी ओ तृतीय वर्षगाँठ को समर्पित : 'मत्तगयन्द' सवैया

'मत्तगयन्द' सवैया : 7 भगण व अंत में दो दीर्घ

जात न पात न भेद न भाव न रूप न रंग न डोर दिवारें.
एक धरा यह प्रेम भरी जँह प्रेम लिए हम आप पधारें,
सीख सिखाय रहे सबहीं यँह ज्ञान भरें अरु लेख निखारें,
देश विदेश मिलाय दिए जन मेल मिलाप यहाँ करि डारें.

Views: 563

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 3, 2013 at 2:24pm

अनेक अनेक धन्यवाद राजेश भाई, बिलकुल सही यहाँ ज्ञान का भण्डार है जो रह गया झोली भर गया. सादर

Comment by राजेश 'मृदु' on April 3, 2013 at 1:20pm

वाह बढि़या मत्‍तगयंद और सत्‍य ही आपने कहा कि ओबीओ सबको मिला रही है । हम तो बहुत मनचले हैं पांव टिकते ही नहीं पर ओबीओ ने ऐसा पकड़ा कि ओबीओ छोड़ दे हम ना छोड़े

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 3, 2013 at 12:17pm

आदरणीय लक्ष्मण सर जी बड़ों का आशीष सदैव लाभकारी होता है और उज्जवल भविष्य की ओर ले जाता है, आशीष यूँ ही बनाये रखें. सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 3, 2013 at 12:15pm

आदरणीय केवल प्रसाद जी सवैया आपको पसंद आये, जानकार कर ख़ुशी हुई हार्दिक आभार.

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 3, 2013 at 12:03pm

आदरणीय गुरुदेव श्री सौरभ सर जी आपकी सराहना एवं अनमोल टिपण्णी पाकर ह्रदय गद गद हो गया, आपका प्रतिउत्तर सदैव सकारात्मक दिशा प्रदान करता है. कुछ समय के लिए कार्य में अधिक व्यस्तता कारण ओ बी ओ परिवार यानी कि अपने परिवार से दूर रहा परन्तु अब कोशिश रहेगी की सक्रियता बनी रहे. आशीष एवं स्नेह ही बनाये रखें. सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 3, 2013 at 12:00pm

आदरणीय श्री अशोक कुमार रक्त्ताले सर आपकी सराहना मिली मेरा लेखन का कार्य सफल हुआ, स्नेह यूँ ही बनाये रखें. सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 3, 2013 at 11:58am

आदरणीय श्री राम जी एवं आदरेया शिखा कौशिक जी आप दोनों का हार्दिक आभार

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 2, 2013 at 7:00pm

सुन्दर मत्त्गंद सवैया के माध्यम से ओबीओ के प्रति शुभ कामनाओं की लिए आभार, और बधाई सभी सदस्यों को हार्दिक 

शुभ कामनाए 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 2, 2013 at 6:45pm

आदरणीय, अरूण शर्मा‘अनन्त‘ जी, आप सभी को वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बहुत बहुत बधाई।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 2, 2013 at 4:41pm

हम तो मंच मात्र समझते थे, आपने तो ओबीओ को एक अलग धरा ही गिन लिया, भाई !

लोग सही कहते हैं, कवि वो बोल लेता है जो सामान्य जन सोच तक नहीं पाते. .. :-)))

सवैया के सधे होने की बधाई, अरुन भाई.

सही कहा आपने, अरुनभाई, ओबीओ को मात्र सुनाने का स्थान न जान कर सुनने और अध्ययन का स्थान भी जानें तो हममें से कई परिपक्व रचनाकार हो जायँ. लेकिन टेक तो यहीं है.

आपको भी ओबीओ के प्रादुर्भाव दिवस की अनेकानेक बधाइयाँ.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service