For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कानून का चक्कर ,

कानून का चक्कर ,
गुनाहगारो के लिए वरदान ,
बेगुनाहों के लिए अभिशाप ,
कारन तारीख पर तारीख ,
बेगुनाह हो जाते हैं फक्कर ,
कानून का चक्कर ,
अब देखिये कसाब को ,
जो बना एक सौ से ज्यादा ,
के गुनाहगार ,
उसको जो भी हो सजा ,
ओ उठाएगा कानून का फायदा ,
करेगा अपील ,
उसे मिल जायेगा कुछ दिन ,
यैसे मामलो में होगा अक्सर ,
कानून का चक्कर ,
सांसदों आप देश हित में ,
कोई कानून बनावो ,
साबुत हो तो येसो को ,
सरे आम फाशी पर चढाओ ,
ताकि कोई कसाब ,
हिंद के धरती पर ,
कदम रखे तो कापकर सोचे ,
नहीं हैं हमारे लिया हिंद में ,
कानून का चक्कर ,

Views: 376

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Admin on May 8, 2010 at 9:03pm
आदरणीय गुरू जी पहले की तरह आज आप ने फिर एक सामाजिक मुद्दे को कविता के माध्यम से उठाया है, आप कि कही बातो से मै पूरी तरह सहमत हू , कानून ऐसा होना चाहिए जिससे शरीफ नागरिको को भय मुक्त माहौल मिले तथा अपराधियो मे कानून के प्रति भय व्याप्त हो , न्याय शिघ्र मिलना चाहिए , आतंकवादियो को मिले सजा का इम्पलीमेन्ट तुरन्त होना चाहिए ।
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on May 7, 2010 at 9:10pm
bahut badhiya guru jee...aur ekdam sach ko charitarth kiya hai aapne is rachna ke madhyam se...
कानून का चक्कर ,
गुनाहगारो के लिए वरदान ,
बेगुनाहों के लिए अभिशाप ,
कारन तारीख पर तारीख ,
bahut badhiya........

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 7, 2010 at 8:04am
गुरु जी आपने जन जन के आक्रोश को अपने कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया है, बहुत ही अच्छी कविता है, न्याय मिलने मे बिलम्ब होने से बहुत सारी समस्या पैदा होती है, भारत मे कुछ ऐसी पद्धति की जरूरत है जो जल्द न्याय दिला सके, अदालत ने कसाब को फासी की सजा दी है, पर आखिर कब होगी फासी, बिलम्ब घर मे जाकर यह लाइन मे लग जाएगी, जहा बहुत पहले से ही बहुत लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे है,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Jul 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service