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हर किसी शख्स को आइना , बनाने वाले ....................

लाख चेहरों को छिपाते हैं, छिपाने वाले, 
तू सबको पहचान ही लेता है, बनाने वाले |


कौन ठोकर पे है किसको सलाम करना है, 
इल्म हर बात का रखते हैं ज़माने वाले |


जब कही सर भी छिपाने की जगह न मिली, 
खूब पछताए मेरे घर को , जलाने वाले |


सच्ची बातें नहीं मरती हैं कभी सच है, 
सच्चे इंसान हो पर, सच को, सुनाने वाले |

 
अपने चेहरे की खो देते हैं वो पहचान "अजय"
हर किसी शख्स को आइना, बनाने वाले |


मौलिक एवं अप्रकाशित
अजय कुमार शर्मा (अव्यक्त )
लखीमपुर खेरी

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Comment

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Comment by वेदिका on July 6, 2013 at 6:04am

लाख चेहरों को छिपाते हैं, छिपाने वाले, 
तू सबको पहचान ही लेता है, बनाने वाले |// सुंदर शेअर 

बधाई !!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 19, 2013 at 3:19pm

//कौन ठोकर पे है किसको सलाम करना है, 
इल्म हर बात का रखते हैं ज़माने वाले |//

यह शेर मुझे बहुत बढ़िया लगा,

सच्ची बातें नहीं मरती हैं कभी सच है,....बात और स्पष्ट होनी चाहिए थी ।

इस अभिव्यक्ति पर बधाई ।

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