For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेकअप

शादी के बाद दूल्हे ने दुल्हन का किया दीदार
उसके दिल पर हुआ प्रहार
अरमान तार, तार
लड़की बदल दी, किया प्रचार
दिखाई कुछ और, टिकाई कुछ और
मेरी खुशियों का अंत
केटरीना दिखाकर दे दी राखी सावंत 
इतना बड़ा छल, इतना बड़ा धोखा
.लड़की का बाप.बेटा लड़की वही हे, तुमने उसे मेकअप में देखा
धोखा नहीं तुम्हारे बाप को दिए दो खोखा
अव दिल की नज़रों से उसे निहारे
हंसी ख़ुशी से अपना जीवन संवारें 
बेटा मेकअप की महिमा का नहीं तुझे ज्ञान
मेकअप से कचरा भी बनता पकबान

Views: 464

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 12, 2012 at 12:51pm

हाहाहा हाहाहा ...मज़ा आ गया.

बधाई स्वीकारें मेकअप की  महिमा बताने के लिए 

Comment by Dr.Ajay Khare on December 12, 2012 at 11:51am

sabhi atmiyjano ko hosla afjai hetu sadhubad

Comment by MAHIMA SHREE on December 11, 2012 at 10:39pm

नमस्कार सर .

आपकी रचना ने बड़ा ही हँसाया और साथ में मेकअप का महत्व भी समझाया :)) बहुत -2 बधाई आपको

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 11, 2012 at 6:43pm

मेकप का यही कमाल, सुन्दर रचना जान, करे बधाई स्वीकार

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on December 11, 2012 at 5:47pm

वाह सुन्दर किया है आपने मेक अप का गुणगान
बधाई हो

Comment by Dr.Ajay Khare on December 11, 2012 at 1:40pm

Pradeep ji rakhi kya thikegi mukdama .bina makeup me khud ko dekhegi to kha ja yegi sadma

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on December 11, 2012 at 1:05pm

राखी सावंत मुकदमा ठोंक देगी 

बधाई. 

Comment by Dr.Ajay Khare on December 11, 2012 at 12:52pm

himansu ji hosla ahjai ke liye sadhubaad

Comment by डॉo हिमांशु शर्मा (आगोश) on December 11, 2012 at 12:43pm

bahut acchai

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service