For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ह्रदय से काला नेता (कुंडलिया )

नेता खुद करते फिरें, इधर उधर की ऐश

दीवाली पर ना मिले, तेल, कोयला,  गैस

तेल, कोयला,  गैस, चूल्हा जलेगा कैसे 

रंक भाड़ में जाय, भरलो  बैंक में पैसे 

वोट दियो पछताय, मनुज अब जाकर चेता 

उजले हैं परिधान, ह्रदय से काले नेता

*********************************

Views: 640

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 12, 2012 at 3:43pm

हार्दिक आभार फूल सिंह जी आपको भी दिवाली की शुभकामनाएं 

Comment by PHOOL SINGH on November 12, 2012 at 1:14pm

राजेश जी प्रणाम.......

सुंदर अतिसुंदर भावपूर्ण रचना......"सपरिवार सहित आपको शुभ दीपावली"

फूल सिंह

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on November 12, 2012 at 9:15am

बहुत सुन्दर व्यंगात्मक कुण्डलिया के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीया राजेश जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 9, 2012 at 3:35pm

हार्दिक आभार प्रदीप कुमार जी आपको आपके परिवार को भी दिवाली की शुभकामनाएं 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on November 9, 2012 at 1:52pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी, सादर अभिवादन 

शानदार रचना. 

दीपावली की सपरिवार शुभकामनाएं. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 8, 2012 at 9:10pm

सादर आभार सौरभ जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 8, 2012 at 9:05pm

सादर आभार, आदरणीया, कि आपने मेरे कहे का मान रखा.

देखिये, ऐडमिन अपना काम कर गये ..  :-)))


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 8, 2012 at 8:46pm

प्रिय प्राची जी आपको कुंडलियाँ पसंद आई मेरी लेखनी को उर्जा मिली ह्रदय से शुक्रिया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 8, 2012 at 8:31pm

हार्दिक आभार सौरभ पाण्डेय जी आपकी पारखी नजर के क्या कहने आप बिलकुल सही कह रहे हैं यहाँ काले ही होना चाहिए क्या यह शब्द आप एडिट कर सकते हैं? या मैं फिर से पोस्ट करूँ 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 8, 2012 at 8:23pm

सुन्दर सटीक सामयिक कुण्डलिया के लिए बधाई आदरणीया राजेश कुमारी जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service