For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुरुओं से संसार है, गुरुवर शब्द विराट |
गुरु को पा के बन गया, चन्द्रगुप्त सम्राट ||

विद्या दो हे विद्यादाता | करूँ नमन नित शीश झुकाता ||
आन पड़ा हूँ शरण तिहारे | घने हुए मन के अँधियारे ||
दुखित ह्रदय नहीं दिखे उजाला | रोके रथ अज्ञान विशाला ||
कुछ न सूझे भरम है भारी | लागे मोहि मत गई मारी ||
दीन-हीन आया हूँ द्वारे | उर में आस की ज्योति धारे ||
ज्ञान मिलेगा यहाँ अपारा | निर्झरणी सम शीतल धारा ||
धार कलम की तेज बनाओ | कृपा करो सन्मार्ग दिखाओ ||
गुरुवर तुम ही हो उपकारी | लिये प्रेम का सागर भारी ||
भरो हमारे अन्दर ज्वाला | तेज लपट ऐसी विकराला ||
रूढ़िवादिता खाक करें हम | दुष्कर्मों का नाश करें हम ||
सिंह सम गरजें भरें हुंकारें | बनें शिवाजी छल को मारें ||
देश पुराने यश को पाए | दुनिया सादर शीश झुकाए ||
ऐसा वज्र बना दो हमको | ये संकल्प करा दो हमको ||
नवाचार की आँधी लाएँ | गुणी आपके शिष्य कहाएँ ||
मिले न कोई मुझ सम दूजा | मेरे कर्मों की हो पूजा ||
झूठ सदा नैनों में खटके | सत्य से कभी नहिं मन भटके ||
लावा ऐसा अन्दर फूटे | अन्यायी के सिर पर टूटे ||
किरपा इतनी चाहूँ तोसे | ज्ञानसागरों, विद्वजनों से ||
सिद्ध करो ये कारज मेरा | आ जाए इक नया सवेरा ||
किया भरोसा तुमपर जानो | विनती मोरी गुरुवर मानो ||

Views: 940

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 5, 2012 at 2:20pm
आपका हार्दिक आभार आदरणीया रेखा जी। शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ।
Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 5, 2012 at 2:18pm
आदरणीय रक्ताले सर, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ।
Comment by Rekha Joshi on September 5, 2012 at 12:21pm

गुरुओं से संसार है, गुरुवर शब्द विराट |
गुरु को पा के बन गया, चन्द्रगुप्त सम्राट ||,गुरुओं को समर्पित अति सुंदर दोहा और चौपाइयां बधाई ,

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 5, 2012 at 8:01am

आदरणीया राजेश कुमारी जी.......आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.......शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 5, 2012 at 7:59am

स्वागत है आदरणीय संदीप द्विवेदी जी........आपका हार्दिक आभार.......शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ.........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 5, 2012 at 7:57am

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद मित्रवर संदीप पटेल जी.....शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 5, 2012 at 7:54am

आदरणीया प्राची जी.........आपका हार्दिक आभार.........शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.........

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on September 5, 2012 at 7:53am

आपका हार्दिक आभार आदरणीय फूल सिंह जी........


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 4, 2012 at 5:38pm

अजीतेंदु जी शिक्षक दिवस पर बहुत सम्रद्ध ,उत्कृष्ट चौपाई रची हैं लय प्रवाह ,शब्द चयन सब श्रेष्ठ है हार्दिक बधाई आपको शिक्षक दिवस मुबारक हो 

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on September 4, 2012 at 12:45pm

गुरु को समर्पित सुन्दर चौपाइयां प्रस्तुत की आपने गौरव जी! आपकी लेखनी से सदैव सार्थक विषयों पर रचनाएँ निकलती रहती हैं जो शिल्प और भाव दोनों ही से समृद्ध होती हैं! बधाई स्वीकार करें!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service