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पंक्तियाँ...

पंक्तियाँ

 

v एक दिन देखना देश हमारा इतना हाईटेक हो जाएगा,

दूल्हा भी घूंघट दुल्हन का रिमोट से ही उठाएगा!

 

v आयेंगे तो जा न पायेंगे ये हमारी ज़िम्मेदारी है,

और जायेंगे भी कैसे जनाब ये अस्पताल ही सरकारी है!

 

v पुरुषो से हैं कहीं आगे आजकल की महिलाएं,

 धडल्ले से हैं पीती दारू वो भी बिना बरफ मिलाये!

 

v पत्नियां घूमें सेल में ढूंढें महंगी साड़ी,

पति बेचारा जेब टटोले कभी खुजाये दाढ़ी!

 

v सरकारी दफ्तर का देखो अपना अलग है सेटेलमेंट,

काम के बदले माँगा करते हमसे ये ३०परसेंट!

 

v आसमान में ना सूरज ना तारा ही दिख पायेगा,

गाड़ियों के काले धुंए से सौरमंडल ढक जाएगा!

 

v ज्ञान गुरु कहते है मंच से, सादा जीवन उच्च विचार,

ज्ञान के बदले इन्हें चाहिए दारू, लड़की, ए.सी. कार!

 

v छोटे कपडे पहन के लडकियां ,खुद का बदन दिखाती हैं,

नज़र भर के कोई देख ले, तो इज्ज़त इज्ज़त चिल्लाती हैं!

 

v पहचान पूछने पर वैसे तो, पहचान पत्र दिखाते हैं,

आजकल तो फेसबुक आई. डी.को ही, लोग अपनी पहचान बताते हैं!

 

v १० में पुलिस, २० में डॉक्टर, ५० में इज्ज़त बिक जाती है,

अब कहो, क्या देश में महंगाई नज़र आती है!

 

 

  

 

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Comment by Ranveer Pratap Singh on August 28, 2012 at 9:35pm

@ Yogi Saraswat ji lekin sach to yahi hai...

Comment by Yogi Saraswat on August 28, 2012 at 4:21pm

१० में पुलिस, २० में डॉक्टर, ५० में इज्ज़त बिक जाती है,

अब कहो, क्या देश में महंगाई नज़र आती है!

रणवीर प्रताप जी आपकी लेखनी को बधाई , किन्तु कितना बढ़िया होता हमें इस देश में ऐसी पंक्तियाँ लिखने की जरुरत ही न होती ?>

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