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पानी था, या हवा था,
वो किस दिल, की दुआ था,


ठंडा मौसम, कड़ी लू
वो गम था, या दवा था,

 

लगता था, वो खुदा पर,
किस्मत था, या जुआ था,

 

बेवजह तबियत, जुदा थी,
शायद हमे, कुछ हुआ था,

 

बहता आंसू, मेरा ही,
घायल नस को, छुआ था.

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Comment by अरुन 'अनन्त' on July 22, 2012 at 12:35pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी आपका आशीर्वाद मिला मैं धन्य हो गया.


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Comment by rajesh kumari on July 21, 2012 at 6:13pm

अरुण जी बहुत सुन्दर प्रयास किया है बहुत अच्छी ग़ज़ल लिखी है इसी तरह निखर आता जाएगा मेरी शुभकामनायें 

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 21, 2012 at 11:57am

मित्र आशीष बहुत - २ शुक्रिया.

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 21, 2012 at 11:56am

रेखा माँ का प्यार मिला बधाई के रूप में, अहोभाग्य हमारे.

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 21, 2012 at 11:55am

उमाशंकर मिश्र जी आपका स्नेह मिला, शुक्रिया आभार.

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 21, 2012 at 11:55am

अलबेला जी बहुत बहुत शुक्रिया.....

Comment by आशीष यादव on July 21, 2012 at 6:23am

बढ़िया शे'र हैं। गजल भी अच्छी है। बधाई स्वीकारिये।

Comment by Rekha Joshi on July 20, 2012 at 11:45pm

अरुण जी ,खुबसूरत रचना ,बहुत बहुत बधाई  

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 20, 2012 at 11:03pm

बहुत बढ़िया अरुण जी बधाई इस उम्दा रचना के लिए

कृपया.... था ...थी  के प्रयोग पर गौर कीजियेगा

Comment by Albela Khatri on July 20, 2012 at 10:32pm

वाह भाई.......बहुत खूब
वाह वाह

कृपया ध्यान दे...

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