For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रेरणा :-
खुद को और दूसरो को हर रोज प्रेरित करना !!!!!
"इंतजार करने वालो को अच्छी चीजे मिलती तो है, पर केवल ऐसी चीजे ही मिलती है, जिन्हें कोशिश करने वाले छोड़ देते है I "

मै दो बातो में यकीं रखता हू -
(क ) ज्यादातर लोग अच्छे होते है, पर वे और अच्छे बन सकते है I
(ख ) ज्यादातर लोग यह जानते है की उन्हें अपनी जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए क्या करना चाहिए I

सबसे शक्तिशाली प्रेरणा हमारे अपने विश्वासों से जन्म लेती है I किसी काम के लिए पहल करने के लिए जरुरी होता है की हम जो कम करने जा रहे है ,उसमे यकीं रखे और अपने जीवन में उसकी जिम्मेदारी स्वीकार करे I जब हम अपने कार्य और व्यवहार की जिम्मेदारी स्वीकार करने लगते है,तो जिन्दगी के बारे में हमारा नजरिया बेहतर हो जाता है I हम निजी जिन्दगी में और अपने पेशे में ज्यादा नतीजे देने लगते है I घर और दफ्तर में हमारे रिश्ते बेहतर होने लगते है I जिन्दगी सार्थक और ज्यादा भरपूर हो जाती है I
शारीरिक जरूरते पूरी हो जाने के बाद आदमी की भावनात्मक जरूरते ज्यादा शक्तिशाली प्रेरणा बन जाती है I हमारा हर व्यवहार 'लाभ और हानि' के उसूल से बनता है I अगर लाभ से हानि ज्यादा है, तो वह हमारे काम में रुकावट बन जाएगी और अगर हानि से लाभ ज्यादा है, तो वह प्रेरणा बन जायेगा I

Views: 309

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Admin on April 20, 2010 at 5:11pm
प्रिंसे जी बहुत बढ़िया , ऐसे ही लिखते रहिये सही जा रहे है,

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 19, 2010 at 9:47pm
शारीरिक जरूरते पूरी हो जाने के बाद आदमी की भावनात्मक जरूरते ज्यादा शक्तिशाली प्रेरणा बन जाती है I हमारा हर व्यवहार 'लाभ और हानि' के उसूल से बनता है I अगर लाभ से हानि ज्यादा है, तो वह हमारे काम में रुकावट बन जाएगी और अगर हानि से लाभ ज्यादा है, तो वह प्रेरणा बन जायेगा
Bahut badhia Prince jee, aaj to aapney gardaa udaa diyaa bahut hi darshnik batey likhey hai, bahut badhiyaa, aisey hi lekh ka ham logo ko eentjaar thaa, thanks.
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on April 19, 2010 at 9:38pm
bahut badhiya prince jee...aisehi likhte rahe........

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-129 (विषय मुक्त)
"नववर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं समस्त ओबीओ परिवार को। प्रयासरत हैं लेखन और सहभागिता हेतु।"
27 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

नवगीत : सूर्य के दस्तक लगाना // सौरभ

सूर्य के दस्तक लगाना देखना सोया हुआ है व्यक्त होने की जगह क्यों शब्द लुंठित जिस समय जग अर्थ ’नव’…See More
59 minutes ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-129 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
Monday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"बहुत आभार आदरणीय ऋचा जी। "
Monday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार भाई लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है।  आग मन में बहुत लिए हों सभी दीप इससे  कोई जला…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"हो गयी है  सुलह सभी से मगरद्वेष मन का अभी मिटा तो नहीं।।अच्छे शेर और अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आ.…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रात मुझ पर नशा सा तारी था .....कहने से गेयता और शेरियत बढ़ जाएगी.शेष आपके और अजय जी के संवाद से…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. ऋचा जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. तिलक राज सर "
Monday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. जयहिंद जी.हमारे यहाँ पुनर्जन्म का कांसेप्ट भी है अत: मौत मंजिल हो नहीं सकती..बूंद और…"
Monday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"इक नशा रात मुझपे तारी था  राज़ ए दिल भी कहीं खुला तो नहीं 2 बारहा मुड़ के हमने ये…"
Sunday

© 2026   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service