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मुझे देख के एक लड़की ................

मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हँसती है I
प्रेम - जाल मैं डाल के थक गया, पर कुड़ी नहीं फंसती हैI

 

        रहती है मेरे पड़ोस में वो,    कुछ चंचल कुछ शोख है वो I

        ना गोरी - ना काली है, सांवली है मतवाली है I

        झील सी गहरी आँखें हैं , ज़ुल्फ़ यूँ काली रातें हैं I

        लहरों जैसी बल खाती, दुल्हन जैसी शरमाती I

        चेहरा चाँद है पूनम का, होंठ सुमन है उपवन का I

        नाम है उसका नील कमल, वो है ज़िंदा ताजमहल I

 

साँसें मेरी थम जाती, जब थम - थम कर वो चलती है I
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले -हौले हँसती है I

 

       आती है वो ख़्वाबों में , दिखती है वो किताबों में I

       अपना ही दिल जेल हुआ , इम्तहान में फेल हुआ I

       छा गयी दिल पर बादल सा, हो गया मैं कुछ पागल सा I

       प्रेम-अस्त्र का वार किया, हाले दिल इजहार किया I

       ना सोचा - ना देर किया, ख़त खिड़की में फेंक दिया I

 

तब से वो खिड़की हरजाई,नहीं दुबारा खुलती है I
मुझे देख के एक लड़की, बस हौले-हौले हँसती है I

 

       सुबह-सबेरे जागता हूँ , दिन भर पीछे भागता हूँ  I

       गली में उसकी घुमता हूँ, चौखट उसकी चूमता हूँ I

       दिन भर मुंह चलाती है, मुझ पर तरस न खाती है I

       एक दिन उसने बुलवाया, लाल लिफाफा पकड़ाया I

       मन-मयूर मेरा झूम गया , पढ़ा तो माथा घूम गया I

      सनम ने क्या एवार्ड दिया , अपनी शादी का कार्ड दिया I

 

अब मुझको जो देखती है, तो मुंह दबा कर हँसती है I
मुझे देखके एक लड़की, बस हौले-हौले हँसती है I

 

                            गीतकार ----सतीश मापतपुरी

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Comment

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Comment by satish mapatpuri on September 12, 2011 at 8:10pm

बहुत - बहुत शुक्रिया गणेशजी .................. आपको यह रचना पसंद आई, मेरा श्रम सार्थक हुआ.

आशीष जी, सराहना के लिए धन्यवाद

Comment by आशीष यादव on September 12, 2011 at 12:36pm

ohhhhho.

ant me ye kya kar diya. hahahaha

wakai majedaar geet. congrats


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 12, 2011 at 10:12am

एक दिन उसने बुलवाया, लाल लिफाफा पकड़ाया I

 

आय हाय हाय, वाह सतीश भईया वाह, क्या खूब रची है, खुबसूरत गीत, लाल लिफाफा वाला मंजर तो वाकई मजेदार और इस रचना की जान है | बधाई स्वीकार करें |

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