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उनके आदर्शो को याद कर ,

उनके आदर्शो को याद कर ,

आइये हम सब मिलकर ,
झूठ ही सही जीवन में उतर लें ,
आज शिक्षक दिवस मना लें ,
ये औपचारिकता ही सही पर ,
वाह-वाही उठाले एक गोष्टी कर ,
उनके आदर्शो को याद कर ,
आइये हम सब मिलकर , 
.
आज सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिन ,
उनके आदर्श व आचरण पे चर्चा के दिन ,
आज के शिक्षक जो लगे हैं ,
पैसे के लिए आदर्श में नंगे हैं ,
आचरण उनकी देख समझकर ,
बच्चे भला समझते दूर रहकर , 
उनके आदर्शो को याद कर ,
आइये हम सब मिलकर , 

 

.
गुरु की गरिमा धूमिल करते ,
छात्र - छात्राओ को ये कहते ,
कभी शारीरिक कभी मानसिक ,
मिटा रहे ये धरातल वास्तविक ,
ये नीचता को आदर्श बनाकर ,
इनके अन्दर का शैतान मिटाकर ,
उनके आदर्शो को याद कर ,
आइये हम सब मिलकर , 

 

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Comment

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Comment by Er. Ambarish Srivastava on September 5, 2011 at 3:07pm

भाई रवि गुरू जी अच्छा रचने का प्रयास किया है आपने ! बस इसी प्रकार लगे रहें !!  आज के समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार का असर प्रत्येक वर्ग पर पड़ा है ....यद्यपि शिक्षक वर्ग भी इससे अछूता नहीं है ......तथापि बहुतेरे शिक्षकों नें अपने जीवन में आज भी आदर्शों को पिरो रखा है ..............हम उन्हें नमन करते हैं .......

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