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हाइकु - ये जापानी काव्य प्रकार है । हाइकु अकसर कुदरत वर्णन के लिए लिखे गए हैं । जिसे " कीगो " कहते हैं । जापानी हाइकु , एक पंक्ति में लिखा जाता है और १९ वीं शताब्दी पूर्व इसे हिक्को कहा जाता था । मासाओका शिकी महोदय ने १९ वीं सदी के अंत तक इसे हाइकु नाम दिया ।

हाइकु , कविता में ३ पंक्तियाँ होतीं हैं । जिनका अनुपात है--

प्रथम पंक्ति में ५ अक्षर , दूसरी में ७ अक्षर और फ़िर तीसरी पंक्ति में ५ अक्षर हों..

अकसर , संधि अक्षर भी एक अक्षर ही गिना जाता है ।

उदहारण के लिए--

[ १ ]
रातों प्रहरी ,
जगे मन प्राण के ,
एकाकी जहाँ !

[ २ ]
नर्म घास है
चलते पाँव थमे
बैठ जाऊं मैं ?

[ ३ ]
चमेली बिछी
महेकने लगी हवा ,
खुशबु झोंका !

[ ४ ]
धीमे धीमे से ,
रे तू चल मनवा
रात बाकी है !

[ ५ ]
कोई आता है ,
वो साज सजाता है
गीत गाता है

साभार- http://www.lavanyashah.com/

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on August 12, 2010 at 7:31pm
हिंदी काव्य में अनेक विधाए प्रचलित है जिनमे हाइकु नव्यतम है| हाइकु मूलतः अंतस से निकालने वाली आवाज़ है, भावो और सौंदर्य की अनुभूति है| अनुभूति के चरम क्षण की परिणिति है|सत्रहवी शती में हाइकु को काव्य के रूप में स्थापित करने वाले मात्सुओ बाशो ने तो यहाँ तक भी कहा है कि जीवन में जिसने ५ हाइकु लिख दिए वह कवि है और जिसने १० हाइकु लिख दिए वह महाकवि है|

भारत में हाइकु को लाने का श्रेय गुरुदेव श्री रविन्द्र नाथ टैगोर को जाता है|

आज चारो तरफ बहुत से हाइकु लिखे जा रहे है| यहाँ यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि हाइकु केवल ५-७-५ के विन्यास मात्र को नहीं मान लेना चाहिए| हाइकु में यह आवश्यक है कि सभी पंक्तिया स्वयं में ही पूर्ण हो, अक्सर लोग एक ही पंक्ति को तोड़कर हाइकु नाम दे दे देते है जो सरासर गलत है|

मैंने भी कुछ हाइकु लिखने का प्रयास किया है

सूना आंगन
किसना मधुबन
मीरा जोगन

लाख जतन
चंचल चितवन
एक चुभन

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 11, 2010 at 10:07am
बहुत बढ़िया जानकारी दिये विवेक भाई, हाइकु विधा मे कविता लेखन कठिन कार्य है तथा यह दुनिया मे सबसे लघु कविता है जो ५,७,५ यानि कुल १७ शब्दों मे समाप्त हो जाती है ,

कृपया ध्यान दे...

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